उपराष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार सीकर आया शेखावाटी का लाल: खाटू श्याम मंदिर में नवाया शीश

राजस्थान में आज यानि गुरुवार 8 सितंबर के दिन जश्न का माहौल देखने को मिला। वजह थी शेखावटी के लाल उपराष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव को विजिट किया। इसके बाद वहां से सीकर के लिए रवाना हुए। वहां पहुंच जिले स्थित प्रसिध्द खाटूश्याम में शीश नवां आशीर्वाद लिया।

Sanjay Chaturvedi | Published : Sep 8, 2022 10:09 AM IST / Updated: Sep 08 2022, 05:45 PM IST

सीकर. उपराष्ट्रपति बनने के बाद आज पहली बार शेखावाटी के मूल निवासी जगदीप धनखड़ सीकर दौरे पर आए। यहां उन्होंने सबसे पहले अपने पैतृक गांव किठाना में मंदिर में दर्शन कर सरकारी स्कूल के नए कमरों का शिलान्यास किया। उसके बाद उपराष्ट्रपति सीकर के प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर में अपने परिवार सहित दर्शन करने के लिए पहुंचे।

वायुसेना के हैलीपैडड से खाटूश्याम के लिए हुए रवाना
दोपहर करीब 2:00 बजे उपराष्ट्रपति वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिए खाटू श्याम कस्बे में पार्किंग ग्राउंड में बने हेलीपेड पर आए। इस दौरान वायु सेना के अन्य दो हेलीकॉप्टर में सवार सुरक्षाकर्मी भी उनके साथ पहुंचे। इसके बाद करीब 2:05 पर हेलीपैड से एस्कॉर्ट के साथ रवाना होकर उपराष्ट्रपति खाटू श्याम मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने अपनी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मंदिर में दर्शन किए। यहां करीब 20 से 30 मिनट रुकने के बाद उपराष्ट्रपति वापस हेलीपैड के लिए रवाना हुए। जो अभी यहां से जयपुर के लिए प्रस्थान कर चुके हैं।

गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए सीकर पुलिस और जिला प्रशासन लगातार एक्टिव मूड में नजर आ रहा था। आईबी समेत अन्य खुफिया एजेंसियों ने खाटू कस्बे में पिछले करीब 1 सप्ताह से डेरा डाला हुआ था। वहीं आज उपराष्ट्रपति के दौरे के दौरान यहां करीब 500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों का जाब्ता भी तैनात किया गया था।

सिर्फ एकदिवसीय यात्रा पर आए थे
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का यह सिर्फ एक दिवसीय दौरा ही है । दोपहर बाद वे सीकर से झुंझुनू पहुंचे और झुंझुनू से जयपुर के लिए रवाना हो गए । जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से शाम 7:00 बजे बाद दिल्ली के लिए उनकी उड़ान तय है।  उल्लेखनीय है कि धनखड़ आज सवेरे 8:00 बजे दिल्ली से जयपुर पहुंचे थे और उसके बाद सड़क मार्ग होते हुए झुंझुनू अपने गृह जिले में आए थे।

आपको बता दें कि जगदीप धनखड़ मुख्य रूप से शेखावाटी के झुंझुनू जिले के रहने वाले हैं। यहां उनका परिवार आज भी रहता है।

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