राजस्थान में एक बार फिर कुत्ते का आतंक, आधे दर्जन लोगों को बनाया शिकार, दिखी प्रशासन की लेटलतीफी

राजस्थान में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। पिछले महीने कुत्तों ने दो मासूमों को अपना शिकार बनाया था। जिसमें एक की तो कान की सर्जरी कराने की नौबत आ गई थी। अब सीकर में भी आधा दर्जन लोगों को शिकार बनाया, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन के किसी भी विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

Sanjay Chaturvedi | Published : Jun 28, 2022 9:59 AM IST / Updated: Jun 28 2022, 03:42 PM IST

सीकर (sikar). राजस्थान की राजधानी जयपुर के बाद अब सीकर जिले में कुत्ते का तांडव  देखने को मिला है। यहां जिले के अजीतगढ़ कस्बे के बुर्जा की ढाणी के बुरकडा में आज सुबह भड़के एक कुत्ते ने जमकर आतंक मचाया। उसने एक के बाद एक ढाणी के आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को निशाना बना लिया। किसी के हाथ तो किसी के पैर को नौंच खाया। जिन्हें उपचार के लिए अलग अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। कुत्ते के बढ़ते आतंक को देख बाद में ग्रामीणों ने उसे पीट- पीटकर मार गिराया। इस दौरान गांव में काफी देर तक दहशत का माहौल रहा।

महिला व डेढ़ साल के मासूम सहित पांच को बनाया निशाना
ग्रामीणों के अनुसार कुत्ता मंगलवार 28 जून सुबह से ही हमलावर हो गया था। सामने जो भी आया उसी पर उसने हमला करना शुरू कर दिया। कुत्ते का शिकार अजीतगढ़ के सरकारी अस्पताल में भर्ती पिंकी ने बताया कि वह घर से किसी काम के लिए निकली थी। इसी दौरान कुत्ते ने अचानक भोंकते हुए उस पर हमला कर दिया। कुत्ते ने बुरी तरह से उसका हाथ नोंच लिया। जिसका अस्पताल में उपचार शुरू किया गया। अस्पताल में भर्ती डेढ वर्षीय बच्चे बाबू को भी कुत्ते ने इसी तरह नोंच दिया। ग्रामीणों के अनुसार करीब पांच से सात लोगों को कुत्ते ने निशाना बना लिया था।

पागल हुआ कुत्ता, पीट पीटकर मार
घटना से गुस्साए ग्रामीण बाद में अपने घरों से लाठियां ले आए। उन्होंने कुत्ते को मारना शुरू कर दिया। ये देख कुत्ते ने एकबारगी तो उन पर भी हमला किया। पर बाद में वह भाग गया। जिसे ग्रामीणों ने पीछाकर दबोच लिया और बाद में पीट- पीटकर मार दिया। ग्रामीणों के अनुसार कुत्ता पागल हो गया था। जिससे लोगों की जान को खतरा पैदा हो गया था। ऐसे में उसे मारने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं बचा था।  

नहीं पहुंची प्रशासन की टीम
घटना में आधा दर्जन लोगों के घायल होने व कुत्ते को मारे जाने के बाद भी प्रशासन व पशुपालन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची। ऐसे में इस बात को लेकर भी ग्रामीणों में आक्रोश दिखा। लोगों का कहना था कि गांव- ढाणी में जब भी कभी कोई  दुर्घटना होती है, तो प्रशासन की टीम लेट लतीफी से ही पहुंचती है।

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