
सीकर (राजस्थान). सीकर के फतेहपुर में मंगलवार सवेरे देवास रोड पर धुंध और कोहरे के कारण अपनी जान गवाने वाले रोडवेज बस के परिचालक सांवरमल के तीन बच्चों, उसकी पत्नी और परिवार ने आज उनका अंतिम संस्कार किया है । अंतिम संस्कार के समय 47 वर्षीय सावरमल के बारे में सिर्फ एक ही चर्चा थी कि आखिर नियति ने ऐसा क्यों किया,,?
हादसे में जान गंवाने वाले कंडक्टर के जीवन का सच
दरअसल, सांवरमल ने बहुत संघर्ष करके यह सरकारी नौकरी एक तरह से छीनी थी। सांवरमल ने कोर्ट में अपनी नौकरी को लेकर 10 साल तक लड़ाई लड़ी और उसके बाद 47 साल की उम्र में अपनी नौकरी पाई, लेकिन 15 महीने के बाद ही काल को कुछ और ही मंजूर था । फतेहपुर में कल सवेरे कोहरे के कारण रोडवेज की बस सामने से गुजर रहे ट्रक से जा भिड़ी। बस के पीछे 7 अन्य गाड़ियां और टकराई। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हुई और 10 लोग घायल हुए । हादसे में जिस व्यक्ति की मौत हुई वह रोडवेज बस का परिचालक सांवरमल था। बस में बैठी सवारियां घायल हुई और बस चला रहे चालक को भी गंभीर चोटों के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया।
10 साल तक कोर्ट में लड़ाई लड़कर 47 साल की उम्र में पाई सरकारी नौकरी
चुरू जिले के रहने वाले सांवरमल ने 37 साल की उम्र तक अन्य निजी काम करके अपना परिवार पाला, उसके बाद परिचालक की परीक्षा दी। लेकिन मामला कोर्ट में अटक गया । कोर्ट में खुद को सही साबित करने में सांवरमल को 10 साल लग गए। 10 साल के बाद करीब सवा साल पहले ही उन्होंने परिचालक की नौकरी ज्वाइन की थी लेकिन यह नौकरी सिर्फ 15 महीने चलेगी यह किसी को भी पता नहीं था ।
पत्नी-बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल
परिवार में अब बच्चों की शादी की बात चल रही थी लेकिन इससे पहले कमाई करने वाले इकलौते सदस्य की अर्थी घर पहुंच गई । पूरा परिवार इस घटना के बाद से बेहाल है । पत्नी रो-रोकर बार-बार अचेत हो रही है। बच्चे अपने पिता की फोटो हाथ में रखकर आंसू बहा रहे हैं। सांवरमल जिस कस्बे में रहते थे उस कस्बे में मंगलवार रात चूल्हे तक नहीं जले।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।