
सीकर. राजस्थान के खाटूश्यामजी मंदिर में आठ अगस्त को भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत के बाद विवादों में घिरी श्रीश्याम मंदिर कमेटी के पक्ष में अब धार्मिक पीठों के पीठाधीश और पुजारी उतर आए हैं। जिले के विभिन्न मंदिरों के महंत, पुजारी और पीठाधीशों ने शहर के बोलता बालाजी मंदिर में सोमवार को एक बैठक की है। जिसमें श्रीश्याम मंदिर कमेटी का पक्ष लेने के साथ मंदिरों व मठों की विभिन्न समस्याओं को लेकर एक कमेटी बनाने का फैसला भी लिया है। जो देवी देवताओं की मूर्तियों के खंडन व अपमान तथा मंदिर की जमीनों पर अतिक्रमण सरीखे मुद्दों के खिलाफ आवाज मुखर करेगी।
श्याम मंदिर कमेटी दोषी नहीं, करेंगे आंदोलन
बैठक में लोहागर्ल के सूर्य मंदिर के पीठाधीश अवधेशाचार्य महाराज ने कहा कि खाटूश्यामजी में हुए हादसे में श्याम मंदिर कमेटी को दोषी नहीं माना जा सकता है। मेले में इंतजाम करना प्रशासन का काम है। कहा कि अगले महीने लोहागर्ल में भी सोमवती अमावस्या पर 25 लाख श्रद्धालु आएंगे। जिनके लिए भी पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं है। उन्होंने कहा कि मंदिर के चढ़ावे से ही सारी व्यवस्थाएं करनी होती है। उन्होंने मंदिरों के लिए सरकार से अनुदान नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया। इसके साथ उन्होंने कहा कि प्रदेश में मंदिरों की मूर्तियों को खंडित व अपमानित करने और मंदिर की जमीनों पर कब्जा करने सहित विभिन्न समस्याओं को लेकर एक कमेटी बनाई गई है। जो प्रदेशभर के मंदिरों से संबंधित समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाएगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कमेटी के लिए जरुरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे।
माधव स्कूल का भी उठा मुद्दा
बैठक में राजकीय माधव स्कूल का मुद्दा भी उठा। अवधेशाचार्य महाराज ने कहा कि माधव स्कूल की जमीन श्री कल्याण मंदिर के महंत विष्णु के पूर्वजों ने स्कूल संचालन के लिए किराए पर दी थी। जहां वेद विद्यालय संचालित किया जाना प्रस्तावित है। लेकिन, कोर्ट के आदेश के बावजूद भी उसके भवन को खाली नहीं किया जा रहा है। जो गलत है। गौरतलब है कि माधव स्कूल को नजदीकी स्कूल में मर्ज करने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग ने बनाया था। जिसके खिलाफ शिक्षक संगठनों सहित विभिन्न संगठनों ने आंदोलन छेड़ रखा है।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।