राजस्थान के सीकर जिलें में स्थित खाटूश्याम मंदिर में हुए हादसे में तीन लोगों की जान जाने के बाद मंदिर कमेटी के खिलाफ प्रशासन की टीम जांच करने निकली तो हैरान करने वाले खुलासे हुए। वहां वीआईपी को दर्शन दिलाने के लिए 15 चोर दरवाजें मिलें, जिन्हें टीम ने सीज किए।
सीकर. खाटूश्यामजी में सोमवार के हादसे के बाद सवालों में घिरी श्याम मंदिर कमेटी की बड़ी पोल सामने आई है। हादसे के बाद प्रशासन की टीम जब व्यवस्थाओं का जायजा लेने कस्बे में निकली तो मंदिर तक पहुंचने के कई चोर दरवाजे सामने आए। जिनमें से 15 दरवाजों व रास्तों को टीम ने ताले व टीन शैड लगाकर बंद किया। जो साफ जाहिर कर रहा है कि मंदिर में चहेतों व वीआईपी लोगों को किस तरह मनमानी कर दर्शन करवाए जा रहे थे। इधर, हादसे के बाद मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराण भी आज खाटूश्यामजी पहुंचे। जिन्होंने घटना स्थल का जायजा लेने के साथ हादसे को लेकर कलक्टर व एसपी से वार्ता की। घटना की जांच कर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात भी कही।
सुबह निकली प्रशासन की टीम
खाटूश्याम में हादसे के बाद प्रशासन की टीम आज सुबह ही हरकत में आ गई। इस दौरान दांतारामगढ़ तहसीलदार विपुल चौधरी, रींगस सीओ सुरेंद्र सिंह, थाना प्रभारी सुभाष चंद्र यादव और ईओ विशाल यादव टीम ने मेला स्थल के आसपास के क्षेत्रों का मुआयना किया। जहां मुख्य मेला मैदान में स्थित दुकानों के पीछे के रास्तों में मंदिर तक जाने के चोर रास्ते मिले। इनमें कुछ जगह गेट लगे मिले तो कुछ खुले थे। ऐसे में टीम ने गेट को ताले लगाकर बंद किया तो खुले रास्तों में टीन शैड लगाकर उन्हें रोक दिया गया।
मौत सामान्य नहीं, तय होगी जिम्मेदारी
इधर, खाटूश्यामजी में जांच के लिए पहुंचे मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा भी हादसे को लेकर काफी गंभीर दिखे। उन्होंने कहा कि हादसे की जिम्मेदारी तय होगी। जो भी दोषी होगा उसे सजा दी जाएगी। किसी भी हालत में उसे छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में जीरो टोलरेंस की नीति अपनाने को कहा है। उन्होंने कहा कि मेहरानगढ़ के बाद खाटूश्यामजी हादसे का उदाहरण बन चुका है। पर दुबारा ऐसा नहीं हो इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है।