2011 में हुई पिता की मौत, अब मां को भी मारा, मासूम बेटी ने सीकर SP को बताया सच तो मिलने लगी धमकी

Published : Aug 06, 2022, 10:35 AM ISTUpdated : Aug 06, 2022, 10:58 AM IST
2011 में हुई पिता की मौत, अब मां को भी मारा, मासूम बेटी ने सीकर SP को बताया सच तो मिलने लगी धमकी

सार

नाबालिग सरिता का आरोप है कि चार अप्रैल को उसकी मां संतोष को उसके दादा, दादी, चाचा व चाची ने गला दबाकर हत्या कर दी थी। आरोप है कि एसपी से शिकायत करने के बाद बेटी और उसके नाना को धमकी मिल रही है। 

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में एक नाबालिग बेटी अपनी मां की हत्या के इंसाफ के लिए भटक रही है। लोसल की भीमा गांव निवासी 17 वर्षीय सरिता अपने बानूड़ा निवासी नाना नोलाराम के साथ एसपी से लेकर  डीजी तक शिकायत कर चुकी है। लेकिन, अब तक पुलिस ने नामजद आरोपियों से पूछताछ तक नहीं की है। आरोप है कि एसपी से शिकायत करने पर उल्टे उन्होंने उसे ही गिरफ्तार करने की धमकी दी है। नाबालिग का कहना है कि हत्या में शामिल उसकी चाची के पिता पुलिस में होने की वजह से पुलिस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। मामले में अब राजस्थान दूरस्थ शिक्षा एनजीओ ने केंद्रीय गृह मंत्रायल को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।

पहले पिता, फिर मां की मौत
नाबालिग सरिता का आरोप है कि चार अप्रैल को उसकी मां संतोष को उसके दादा, दादी, चाचा व चाची ने गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसे फांसी पर लटकाकर आत्महत्या दिखा दी। जिसमें चाची सुशीला के पुलिसकर्मी पिता की अहम भूमिका रही। मामले में नाना के सहयोग से लोसल थाने में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया लेकिन मिलीभगत की वजह से पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही। इधर, नाना पेवाराम ने बताया कि आरोपियों ने पहले उनके दामाद भीवाराम की भी 2011 में हत्या कर दी थी। जिसकी वजह आरोपियों की दहेज की मांग में उसका उनके साथ शामिल नहीं होना था।  वह संतोष का साथ देता था। जिसके चलते ही उसे मार दिया गया। लेकिन  परिवार में छोटी बेटी की भी शादी होने की वजह से उन्होंने मामले में कोई शिकायत पुलिस में दर्ज नहीं करवाई। लेकिन, अब सरिता के पिता के बाद उसकी मां की भी हत्या कर दी गई। ऐसे में आरेापियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

शादी के बाद से कर रहे थे दहेज की मांग
पेवा राम का आरोप है कि बेटी संतोष को उसके सास ससुर व देवर देवरानी 1997 में हुई शादी के बाद से दहेज के लिए परेशान कर रहे थे। पति की मौत के बाद तो उन्होंने अत्याचारों की हद कर दी। जिससे बीमार होने पर संतोष अपने बच्चों के साथ पीहर भी रहने लगी। लेकिन, मार्च अंत में उसके ससुराल वालों ने उसे वापस बुला लिया। जिसके छह दिन  बाद ही उसकी हत्या कर दी गई। आरोप है कि संतोष की संपति भी ससुराल वालों ने धोखे से जब्त कर ली। 

एसपी पर लगाया धमकाने का आरोप
नाबालिग सरिता ने बताया कि वह अपने नाना व मामा के साथ पुलिस से लगातार न्याय की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन, किसी भी स्तर पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। यहां तक की सीकर एसपी ने तो उन्हें वापस कार्यालय आने पर गिरफ्तार करने की धमकी भी दी है। मामले में राज दूरस्थ शिक्षा एनजीओ निदेशक मोहनराम जाखड़ ने मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिख निष्पक्ष जांच व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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