सीकर का श्री कल्याण जी मंदिर, जहां मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु अलग-अलग देते है दर्शन, संध्या आरती होती है साथ

राजस्थान के इस अनोखे मंदिर में दिन में अलग अलग दर्शन देते है भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी। शाम की आरती कहलाती है राजा आरती दोनों की आरती होती है साथ। मां लक्ष्मी ने दर्शन देकर राजा से बनवाया था अलग मंदिर...
 

सीकर. मंदिरों व तस्वीरों में भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी हमेशा साथ दिखाई देती है। पुराणों में भी दोनों को एक दूसरे का ही स्वरूप बताया गया है। पर राजस्थान के सीकर जिले में एक ऐसा मंदिर है जहां मां लक्ष्मी भगवान नारायण से अलग रहती है। वो भी खुद अपनी इच्छा से। जिसके चलते मंदिर में उनका अलग से मंदिर भी बनवाया गया है। जिसमें मान्यता के मुताबिक मां लक्ष्मी सुबह होते ही प्रविष्ठ हो जाती है। जो दिनभर भक्तों को दर्शन देने के बाद रात को शयन के समय ही भगवान विष्णु के पास जाती है। ये मंदिर सीकर का ऐतिहासिक कल्याण मंदिर है। जहां राव राजा कल्याण सिंह के एक स्वप्र की वजह से दिन में भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी के अलग रहने की मान्यता है।

कल्याण सिंह के राजा बनने पर बना मंदिर
सीकर शहर के नए दूजोद गेट के पास स्थित ये मंदिर सीकर रियासत के अंतिम शासक राव राजा कल्याण सिंह ने डिग्गीपुरी के श्रीकल्याण मंदिर में की गई अपने राजा बनने की कामना पूरी होने पर बनवाया था। जिसमें डिग्गीपुरी के कल्याण भगवान का ही प्रतिरूप स्थापित किया गया। मंदिर के पुजारी विष्णु प्रसाद शर्मा का कहना है कि मंदिर बनाने के बाद राव राजा कल्याण सिंह को मां लक्ष्मी ने सपने में दर्शन देकर अपना अलग मंदिर बनाने को कहा। जिसके बाद राव राजा ने मां लक्ष्मी का अलग से मंदिर बनवाया। 

Latest Videos

दिन में अलग रहती है मां लक्ष्मी, डेढ लाख चांदी की मुद्रा में बना मंदिर
मंदिर की परंपरा के अनुसार यहां मां लक्ष्मी व विष्णु की दिन में साथ पूजा नहीं होती है। दोनों की अलग अलग मंदिरों में ही पूजा होती है। केवल शयन आरती दोनों की साथ की जाती है। यही नहीं राव राजा कल्याण सिंह यहां रात की आरती में हमेशा आते थे। ऐसे में आज भी यहां रात की आरती राजा आरती के नाम से ही होती है। मंदिर उस समय डेढ लाख चांदी की मुद्रा में बना था। जिसमें एक लाख मुद्रा इसके निर्माण व 50 हजार मुद्रा इसके लोकार्पण पर खर्च हुई। 

मनौती पूरी होने पर संवत 1991 में बनवाया मंदिर
इतिहासकार महावीर पुरोहित बताते हैं कि सीकर रियासत के राजघराने के इष्ट देव डिग्गी के कल्याणजी थे। जिनके नाम पर ही अंतिम राजा का नाम भी कल्याण ही रखा गया। इन्हीं कल्याण सिंह ने युवा अवस्था में  दर्शनों के दौरान डिग्गी में भगवान से राजा बनने की मनौती मांगी थी। जो पूरी होने पर उन्होंने संवत 1991 में कल्याण मंदिर का निर्माण करवाया। जिसके लोकार्पण समारोह में उन्होंने जयपुर के प्रसिद्ध पंडित मधुसुदन के साथ वाराणसी से खास पंडित आमंत्रित किए थे। 

जागीर में दिया पूरा गांव, आज भी स्कूल किराये से लगता है भोग
कल्याणजी के मंदिर के खर्च में कोई कमी नही आए इसके लिए राव राजा कल्याण सिंह ने पूरा गांव विजयपुरा मंदिर पुजारी को जागिर मे भी दिया था। वहीं, भोग के लिए माधव स्कूल भी मंदिर के नाम कर दी।जिसके किराये से ही आज भी मंदिर के भोग की व्यवस्था हो रही है।

यह भी पढ़े- सीकर में दो गाड़ियों को मारी टक्कर, फिर चलती बस छोड़कर भागे ड्रायवर-कंडक्टर, मां की दर्दनाक मौत, बेटी सीरियस

Share this article
click me!

Latest Videos

खराब हो गया पीएम मोदी का विमान, एयरपोर्ट पर ही फंस गए प्रधानमंत्री । PM Modi । Deoghar Airport
बदल गया दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम, जानें क्या है नया नाम? । Birsa Munda Chowk
CM योगी आदित्यनाथ ने गिना दिया बंटने से अब तक क्या-क्या हुआ नुकसान #Shorts
Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde
महाराष्ट्र में हुई गृहमंत्री अमित शाह के बैग और हेलीकॉप्टर की तलाशी #Shorts #amitshah