पहली बार सामने आया SDM थप्पड़ कांड का सच, जानें उस दोपहर क्या कुछ हुआ था

राजस्थान में एसडीएम थप्पड़ कांड को लेकर चर्चाएं जारी हैं। इस बीच उस घटना से जुड़ा सच सामने आया है। वहीं पुलिस के द्वारा बताया गया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। लोगों से शांति बनाने को लेकर अपील भी की जा रही है।

Share this Video

टोंक जिले के समरावता गांव में हुए उपद्रव और आगजनी की घटना को लेकर राजस्थान के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने इस घटना को "अकस्मात" बताया और कहा कि मुख्यमंत्री जयपुर आने पर इस प्रकरण पर विस्तार से बातचीत की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और पुलिस अधिकारियों को शांति बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

पहली बार सामने आया सच
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, समरावता गांव के निवासी उपद्रव में शामिल नहीं थे। एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि वोटिंग पूरी होने के बाद कुछ बाहरी लोगों ने गांव में उपद्रव फैलाया। उपद्रव में शामिल लोग रात के अंधेरे में आगजनी कर भाग गए और वे बाहरी थे, जिनके साथ गांव के लोग नहीं थे। यह जानकारी ग्रामीणों द्वारा दी गई है, जिन्होंने घटना के बारे में अधिक जानकारी देने से इंकार किया।

वहीं, भाजपा नेता किरोडी लाल मीना ने इस घटना को पूर्व नियोजित और टारगेटेड हमला बताया। उन्होंने मांग की कि इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच करवाई जाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण उपद्रव को बढ़ावा मिला। मीना ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही और निर्दोषों को छोड़ने की अपील की। साथ ही, उन्होंने पुलिस छावनी बनाने की बजाय गांव को भयमुक्त करने की बात की। किरोड़ी लाल मीना ने मीडिया पर हमले को लेकर खेद व्यक्त किया और सलेक्टिव कार्रवाई करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावी समय में दौसा जिले में भी उनके खिलाफ सलेक्टिव कार्रवाई की गई थी।

समरावता गांव में हुए उपद्रव और इस पर उठे राजनीतिक आरोपों ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है। अब देखना यह है कि सरकार और प्रशासन इस मामले में कैसे कदम उठाते हैं और शांति बनाए रखने में क्या उपाय किए जाते हैं।

Related Video