राजस्थान का सबसे बड़ा विजयपताका महालक्ष्मी धाम मंदिर की दीवारों, खंभे और गुंबद पर 41 हजार ऊं रींम श्रीं के मंत्राक्षर लिखे हैं। सबसे बड़ी खासियत ये है कि इन मंत्रों को सोने की बरक से लिखा गया है।
सिरोही (राजस्थान). भारत को मान्यताओं का देश कहा जाता है। हमारे देश में ऐसे बहुत से मंदिर हैं जो अपनी-अपनी खासियत के लिए प्रसिद्ध है। आज हम आपको दीपावली के मौके पर बताने जा रहे हैं ऐसे मंदिर के बारे में जिसकी दीवार, खंभे और गुंबद पर 41 हजार ऊं रींम श्रीं के मंत्राक्षर लिखे हैं। सबसे बड़ी खासियत ये है कि इन मंत्रों को सोने की बरक से लिखा गया है।
इसकी सजावट देखने दूर-दूर से आते हैं लोग
इस मंदिर को राजस्थान का सबसे बड़ा विजयपताका महालक्ष्मी धाम के नाम से जाना जाता है। दीपावली पर यहां की सजावट और पूजा करने-देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इस म जानकारी के मुताबिक, विजयपताका महालक्ष्मी धाम का निर्माण 10 साल पहले किया गया था। दूसरी बड़ी बात ये है कि मंदिर की दीवारों पर श्री हींकार युक्त अष्ट महालक्ष्मी युक्त श्री महालक्ष्मी महामंत्र लिखे हुए हैं।
इस मंदिर में देश की सबसे बड़ी प्रतिमा
मंदिर समीति सदस्य के नंदू भाई जैन के अनुसार, यहां महालक्ष्मी देवी की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा विराजित हैं। जो करीब 81 इंच की है। उन्होंने बताया कि इसके बाद दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा तमीलनाडु के रायवेलगुर में है, जो करीब 30 इंच की है। उन्होंने बताया कि यह एक मात्र मंदिर है जहां भगवान पाश्र्वनाथ के साथ महालक्ष्मी का मंदिर है और यहां उनकी भी पूजा होती है।