जज्बे को सलाम: दोनों पैर खराब-खड़ा भी नहीं हो पाता, लेकिन जूनून ऐसा कि व्हीलचेयर पर ही जीत लिए 12 नेशनल मेडल

कहते हैं अगर कुछ करने का जज्बा हो तो इंसान हस सपने को पूरा कर लेता है। राजस्थान के नागौर से एक ऐसे ही दिव्यांग खिलाड़ी की कहानी सामने आई है। जिसके दोनों पैर खराब हैं, वह चलना तो दूर खड़ा भी नहीं हो सकता। पूरे दिन व्हीलचेयर पर ही बैठता है। वह शूटिंग रेंज में अब तक करीब 12 मेडल नेशनल मेडल जीत चुका है।

Arvind Raghuwanshi | Published : Jan 10, 2023 6:59 AM IST / Updated: Jan 10 2023, 12:35 PM IST

नागौर. राजस्थान में एक दिव्यांग खिलाड़ी ऐसा भी जिसके बचपन से ही दोनों पैर काम नहीं करते। पूरे दिन दिव्यांग खिलाड़ी व्हीलचेयर पर ही  बैठता है। लेकिन पैरों में जान भले ही नहीं हो लेकिन इस खिलाड़ी के हाथों में इतनी ताकत है कि वह अब तक करीब 12 मेडल नेशनल मेडल जीत चुका है।

बचपन से ही नहीं थे पैर...पिता की मौत के बाद मां ने मजदूरी कर पढ़ाया
हम बात कर रहे हैं राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता इलाके के रहने वाले शिवराज सिंह की। जिन्होंने अब तक कई स्टेट और नेशनल चैंपियनशिप में जीते हुए हैं। शिवराज बचपन से ही दिव्यांग था। छोटी सी उम्र में ही पिता का देहांत हो गया। इसके बाद मां ने मेहनत मजदूरी कर तीनों बेटों को पढ़ाना शुरू किया। दो बड़े भाइयों ने भी शिवराज की पढ़ाई में रुचि देख अपनी पढ़ाई छोड़ और मेहनत मजदूरी कर शिवराज को पढ़ाया लिखाया। शुरू से ही शिवराज को निशानेबाजी का शौक था। ऐसे में उसके दोनों भाइयों ने कर्जा लेकर उसे एक पिस्टल भी दिलाई।

Latest Videos

खेल के आगे दिव्यांग ने सेंट्रल की नौकरी तक छोड़ दी
साल 2016 में अगस्त महीने में पहली बार राजधानी जयपुर के जगतपुरा शूटिंग रेंज में आयोजित एक स्टेट लेवल चैंपियनशिप में शिवराज ने सिल्वर मेडल जीता। इसके बाद से शिवराज का खिताबी सफर शुरू हो गया। इसके बाद उसे केंद्रीय विश्वविद्यालय बांदरसिंदरी में दिव्यांग कोटे से नौकरी भी मिली। लेकिन शिवराज तो केवल खेलना चाहता था और पूरे परिवार के सपनों को पूरा करना चाहता था। शिवराज ने अपनी नौकरी ज्वाइन नहीं की और दूसरी परीक्षा और निशानेबाजी की तैयारी करना ही शुरु रखा। फिलहाल शिवराज आज मेड़ता में एक शूटिंग एकेडमी का संचालक है।

व्हीलचेयर पर बैठकर रोज5 घंटे प्रैक्टिस करता है शिवराज
शिवराज के दोनों पैर केवल 20% ही काम करते हैं। व्हीलचेयर पर बैठकर भी शिवराज रोज करीब 5 घंटे की प्रैक्टिस करते हैं। कुछ बताते हैं कि यदि शिवराज को कोई स्पॉन्सर करे तो वह पैरा ओलंपिक में मेडल लाकर देश का नाम रोशन कर सकते हैं। हाल ही में दिसंबर में मध्यप्रदेश के जिले में हुई नेशनल चैंपियनशिप में 50 मीटर शूटिंग में शिवराज ने गोल्ड मेडल हासिल किया था। इसके अतिरिक्त वह करीब एक दर्जन मेडल जीत चुके हैं। यह मेडल हासिल करने के बाद शिवराज को सरकारी नौकरी का ऑफर में मिला। साथ ही 2 लाख रुपए का नगद पुरस्कार भी दिया जाएगा। शिवराज की पिछले साल ही जयपुर में सचिवालय में नौकरी लग चुकी थी। इसके बाद भी शिवराज को आउट ऑफ़ टर्म सरकार से कई नौकरियां के ऑफर आ रहे हैं।

यह भी पढ़ें-कौन है ये लेडी इंस्पेक्टर, जो टीना डाबी से भी आगे निकली, दिखने में जितनी खूबसूरत-अंदाज उतना ही खतरनाक
 

Share this article
click me!

Latest Videos

Tirupati Laddu Prasad: गिरिराज सिंह ने की सबसे बड़ी मांग, ओवैसी और राहुल को जमकर सुना डाला
कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री
UP के जैसे दिल्ली में भी... आतिशी ने BJP पर किया सबसे बड़ा वार
झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts
चीन को चैन से सोने न देगा ये ड्रोन, , Joe Biden - PM Modi ने पक्की की डील