नहीं देखा होगा ऐसा रिश्ता: अपनी टीचर को शादी में छात्रों ने दी अनूठी गुरु दक्षिणा, हर आंख थी नम

एक अनोखा और दिलचस्प मामला राजस्थान में सामने आया है। जहां एक स्कूल के छात्रों ने अपनी शिक्षिका को अनूठी गुरु दक्षिणा दी। बच्चों ने अपनी जेब खर्च से पौने दो लाख रुपए एकत्रित करके अपनी मैडम का कन्यादान किया।

Asianet News Hindi | Published : Dec 15, 2019 12:37 PM IST / Updated: Dec 15 2019, 06:10 PM IST

पाली (राजस्थान). शिक्षक और छात्रों के रिश्ते को बहुत ही पवित्र माना जाता है। ऐसे ही एक अनोखा और दिलचस्प मामला राजस्थान में सामने आया है। जहां एक स्कूल के छात्रों ने अपनी शिक्षिका को अनूठी गुरु दक्षिणा दी। बच्चों ने अपनी जेब खर्च से पौने दो लाख रुपए एकत्रित करके अपनी मैडम का कन्यादान किया।

1200 छात्रों ने यूं एकत्रित किए पौने दो लाख 
दरअसल, ये अनोखा मामला 10 दिसंबर का है। जहां पाली के सुंदरनगर स्थित राजश्री स्कूल की शिक्षिका हेमा प्रजापत की इस दिन शादी थी। तो करीब यहां के 1200 छात्रों ने 1 लाख 71 हजार का चंदा करके अपनी टीचर की शादी में खर्च किए। इस नेक काम में स्कूल के स्टाप ने बच्चों का साथ दिया।

बचपन में हो गया था माता-पिता का निधन
शिक्षिका हेमा जब 6 माह की थी तो उस दौरान उनके पिता का निधन हो गया। जब वह 16 साल की हुईं तो उनकी मां का निधन हो गया। अब उनके साथ-साथ उनकी एक छोटी बहन के पढ़ाने और पालने की जिम्मेदारी भी उन पर थी। हेमा ने किसी तरह  हेमा ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से गणित में  एमएससी किया और बीएड किया। इसके बाद वह इस स्कूल में पढ़ाने लगी।

हेमा ने 5 साल में मात्र 6 छुट्टी ली
स्कूल के सभी टीचर और प्रिंसिपल हेमा की मेहनत की मिसाल देते हैं। हेमा नियमित रूप से स्कूल आती थीं। अपना समय हो जाने के बाद भी  2 घंटे रुक कर जरूरतमंदों को निशुल्क कोचिंग देती हैं। इसके लिए उनको महिला दिवस पर भी श्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान और 51 हजार का इनाम दिया गया है। हेमा ने 5 साल में मात्र 6 छुट्टी ली हैं।

बच्चों को देखते ही इमोशनल हो गईं शिक्षिका
जब छात्रों ने इस तरह का उपहार हेमा को दिया तो वह बहुत हुई इमोशनल हो गईं। उन्होंने कहा-वह बच्चों की इस गुरु दक्षिणा को वापस पढ़ाकर पूरा करेगी। क्योंकि मैंने कभी ऐसा सपने में नहीं सोचा था, कि मेरे प्यारे बच्चे मुझसे इतना प्यार करते हैं। वहीं स्कूल स्टाफ मेरा परिवार है, उन्होंने मुझे कभी अकेले पन का अहसास नहीं होने दिया। स्कूल के निदेशक राजेंद्रसिंह धुरासनी ने बताया कि बच्चों की इस पहल के बाद स्टाफ और प्रबंधन ने भी शिक्षिका की मदद की। 
 

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