25 अक्टूबर को भारत में सूर्य ग्रहण है। गृहण के दौरान भगवान की पूजा पाठ नहीं कर सकते हैं। जिसके चलते देश के अधिकतर मंदिरों के पट बंद रहते हैं। लेकिन राजस्थान के राजसंमद का श्रीनाथजी का एक ऐसा मंदिर है, जिसके पट गृहण में भी खुले रहते हैं।
राजसमंद (राजस्थान). देश प्रदेश में सूर्य ग्रहण या किसी भी बहन के दौरान अधिकतर मंदिरों के पट बंद रहते हैं । इस दौरान मंदिरों में और मंदिर के गर्भ गृह में भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाता। लेकिन राजस्थान का एक ऐसा मंदिर भी है जहां पर सूर्य ग्रहण के दौरान भी दर्शन किए जा सकते हैं। बल्कि ग्रहण के दौरान विशेष रूप से दर्शनों का इंतजाम किया जाता है ,यह मंदिर है राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित भगवान श्रीनाथजी का । उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज ग्रहण काल के सूतक के दौरान मंदिर के दर्शन किए हैं।
जानिए क्यों गृहण के दौरान खुले रहते हैं भगवान श्रीनाथ जी के पट
भगवान श्रीनाथजी का यह मंदिर सूतक के साथ ही ग्रहण काल के दौरान भी खुला रहेगा । मंदिर प्रबंधन कमेटी का कहना है कि क्योंकि प्रभु श्रीनाथजी साक्षात श्री कृष्ण है जिस तरह श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर भक्तों की रक्षा की थी। उसी तरह मान्यता है कि ग्रहण काल के दौरान भी श्री कृष्ण भक्तों की रक्षा करते हैं वह वक्त जो श्री कृष्ण की हवेली यानी उनके परिसर में मौजूद रहते हैं । उन्हें ग्रहण से कोई परेशानी नहीं है आज शाम भी 4:30 बजे से 6:30 बजे तक मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है । लेकिन भक्तों को इसके लिए कई प्रोटोकॉल फॉलो करना पड़ता है ।
मंदिर के गर्भगृह तक जाने की अनुमति किसी को नहीं
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इन 2 घंटों के दौरान मंदिर में दर्शन करने से पहले आप को स्वच्छ होना जरूरी है । मंदिर में गर्भगृह तक जाने की पहले भी अनुमति नहीं थी अभी भी अनुमति नहीं है। श्रीनाथजी भगवान के दर्शन बाहर से ही किए जा सकते हैं हालांकि यह भी सही है कि कई सालों में पढ़ने की वाले सूर्य ग्रहण के दौरान बहुत कम भक्ति दर्शन करने के लिए श्रीनाथजी के मंदिर पहुंचते हैं। अधिकतर यही मान्यता है कि देश के अन्य मंदिरों की तरह श्री नाथ भगवान के दर्शन भी बंद रहते हैं।