राजस्थान के लोगों ने 2 साल बाद दिवाली का ऐसा जश्न मनाया कि आ गई नई मुसीबत, मौसम का हुआ ये हाल

राजस्थान में कोरोना के चलते दो साल बाद ऐसी दिवाली मनी की पूरा वातावरण ही प्रदूषित हो गया है। प्रदेश के कई जिलों में हैरान करने वाली एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ें आए है। वहीं सबसे ज्यादा इस बार जोधपुर में वायु प्रदूषण हुआ है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Oct 25, 2022 11:58 AM IST

जयपुर. कोरोना वायरस के चलते 2 साल बाद इस बार देश भर में दिवाली का त्यौहार बिना किसी पाबंदी के मनाया गया। बिना किसी रोक-टोक के हर एक शख्स ने इस त्यौहार को सेलिब्रेट किया। लेकिन राजस्थान में इस दिवाली लोगों ने ऐसा जश्न मनाया कि उन्होंने खुद के जीवन पर ही नहीं आफत मोल ले ली है। राजस्थान के कई जिलों में देर रात इतनी आतिशबाजी हुई कि वहां अब पॉल्यूशन 70% से भी ज्यादा बढ़ चुका है।

दिल्ली के लेवल तक पहुंचा इंडेक्स
राजस्थान में सबसे ज्यादा एयर क्वालिटी इंडेक्स जोधपुर का है जो 300 के आंकड़े को पार कर चुका है। आमतौर पर ऐसा इंडेक्स दिल्ली एनसीआर के इलाकों का होता है। जहां वाहनों के कारण पॉल्यूशन काफी ज्यादा रहता है प्रोग्राम राजस्थान में एयर क्वालिटी इंडेक्स इतना ज्यादा होना खतरे की घंटी का निशान है।

कई जिलों में चौकाने वाले स्तर तक बढ़ा प्रदूषण
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा आज जारी किए गए आंकड़ों की बात करे तो जयपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 257, अजमेर में 225, अलवर में 141, जोधपुर में 313, कोटा में 238, पाली में 262, उदयपुर में 196 और भिवाड़ी में 218 रहा है। आंकड़ों के मुताबिक जोधपुर में तो जहां सबसे ज्यादा एयर क्वालिटी इंडेक्स बिगड़ा ही है। वहीं राजधानी जयपुर में भी एक ही दिन में 64% से ज्यादा पॉल्यूशन बढ़ चुका है।

जयपुर एयर पॉल्यूशन में हुआ सुधार
यदि पिछले सालों की बात करें तो राजस्थान में दीवाली के मौके पर सबसे ज्यादा एयर क्वालिटी इंडेक्स राजधानी जयपुर का होता था। लेकिन पर्यावरण के प्रति सजग होने के चलते अब राजधानी जयपुर के लोग पर्यावरण को लेकर काफी जागरूक हो चुके हैं। ऐसे में यहां अन्य जिलों की बजाय आतिशबाजी भी बेहद कम हुई है। यही एक कारण है कि यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स जोधपुर से काफी कम है। वही जोधपुर में मुख्य कारण यहां देर रात तक हुई आतिशबाजी है। 

हम दिनों की बात करें तो राजस्थान में भिवाड़ी और अलवर में एयर क्वालिटी इंडेक्स हमेशा ज्यादा ही रहता है क्योंकि यहां कई फैक्ट्रियां और कारखाने संचालित है। जिन से निकलने वाले धुएं से हालात यहां इतनी ज्यादा कई बार खराब हो जाते हैं कि लोगों को आंखों में जलन होने लगती है। किसी भी जगह एयर क्वालिटी इंडेक्स इस ओर से कम होना सही माना जाता है।

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