
जयपुर. (राजस्थान). 12 साल पहले एक शख्स अपने परिवर से बिछड़ गया था। घरवालों को कोई उम्मीद नहीं थी कि वो कभी मिल भी पाएगा। लेकिन एक सामाजिक संस्था 'लॉस्ट फाउण्ड पर्सन' की बदौलत बिछड़े व्यक्ति को परिवार से आखिरकार मिला ही दिया। जब वह अपने भाई से मिला तो दोनों के अलावा वहां मौजूद सभी लोगों की आंखों से आंसू निकल गए।
मानसिक रूप से बीमार था युवक
दरअसल, अफजल नाम का युवक पश्चिमी बंगाल का रहने वाला है। वह मानसिक रूप से बीमार होने के चलते 12 साल पहले अपने गांव और परिवार से बिछड़ गया था। कई सालों तक वह अपने घर जाने की कोशिश करता रहा। लेकिन बीमारी के कारण वह परिवार के पास नहीं पहुंच पाया।
परिजनों ने उसके मिलने की छोड़ दी थी उम्मीद
घरवालों ने अफजल को कई सालों तक बंगाल से लेकर बिहर तक ढूढ़ता रहा लेकिन वह कहीं नहीं मिला। वह थक-हार के बैठ गए, उन्होंने उसके मिलने की उम्मीद छोड़ दी थी। वह समझ गए थे कि उनका बेटा अब शायद कभी मिल पाए। लेकिन किस्मत में तो उसका मिला लिखा था।
भटकते-भटकते राजस्थान पहुंच गया अफजल
मार्च 2019 में अफजल भटकते-भटकते राजस्थान के दौसा शहर पहुंच गया। वहां कुछ लोगों ने युवक को 'अपना घर आश्रम' नाम की संस्था में भेज दिया। संस्था ने उसका पहले इलाज करवाया फिर उसकी कांउसलिंग की गई। इसके बाद युवक ने अपने परिवारवालों का पता बताया। फिर किसी तरह परिवार का पता करके घरवालों को उसको ले जाने की सूचना दी।
सभी लोगों ने कही एक ही बात
अफजल का भाई और उसका एक दोस्त उसको लेने के लिए रविवार को दौसा लेने पहुंचे। दोनों भाइयों ने एक-दूसरे को देखकर गले लगा लिया। जिस समय दोनों आपस मिले सभी लोग बोले इसको कहते हैं खून का रिश्ता। बाद में दोनों भाई सभी लोगों के लिए दुआएं देकर अपने घर बंगाल के लिए चल दिए
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