
पाली (राजस्थान). हम तो अक्सर हम देखते हैं कि हमारे घरों या फिर खेत में अक्सर भगवान का मंदिर होता है। लेकिन राजस्थान के पाली जिले के ग्रामीण इलाके का एक घर ऐसा भी है। जहां खेत में भगवान नहीं बल्कि कई सालों पहले निधन हो चुके एक बुजुर्ग का मंदिर है पूर्णविराम दरअसल यह मंदिर उनके ही दोनों बेटों ने बनवाया है। जो सरकारी नौकरियों से रिटायर्ड है। यह मंदिर करीब 5 लाख रुपए की लागत से बना हुआ है। जो करीब 2 महीने में बनकर तैयार हुआ। अब इस परिवार ही नहीं बल्कि गांव के दूसरे लोग भी यहां आते हैं और दर्शन करते हैं।
दो बेटों ने अपने पिता की याद में बनवाया मंदिर
यह मंदिर पाली जिले के गांव गुड़ा एंदला के रहने वाले रिटायर्ड एडिशनल एसपी बिंजा राम और राजस्थान ग्रामीण मरुधरा बैंक की प्रबंधक हिम्मत राम ने बनवाया है। जिनका कहना है कि वह जीवन में जो कुछ भी बने अपने पिता कुकाराम की देन से ही बने। जिन्होंने खेती कर दोनों को पढ़ाया लिखाया और इस काबिल बना दिया कि वह परिवार ही नहीं बल्कि पूरे समाज का उत्थान कर सकते हैं। ऐसे में उनकी याद में यह निर्माण करवाया गया है। आपको बता दें कि साल 1983 में 21 नवंबर को कुकाराम का बीमारी के चलते निधन हो गया था।
बड़ी दिलचस्प है पिता के मंदिर की कहानी
पिता की मौत के बाद से ही दोनों बेटों की इच्छा थी कि पिता की याद में मंदिर बनवाया जाए। लेकिन दोनों नौकरी में व्यस्त होने के चलते इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाए। करीब 6 महीने पहले दोनों नौकरी से रिटायर हुए तो उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया। घर से करीब 5 किलोमीटर दूर खेत में मंदिर बनवाया और वहां प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई। इस कार्यक्रम में करीब 500 से ज्यादा लोग शामिल रहे। बेटों का कहना है कि अब हर पुण्यतिथि को वह यहां पर 2 दिन के धार्मिक आयोजन करेंगे। साथ ही पिता के नाम से सामाजिक क्षेत्र में भी अन्य कई काम करेंगे।
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