राजस्थान के उदयपुर में बवाल- आदिवासी और मछुआरों के बीच भयंकर मारपीट, पुलिस बल तैनात

उदयपुर में मछुआरों और आदिवासियों की लड़ाई व मामला शांत कराने के लिए गई पुलिस पर कर दिया पथराव। इसमें कई पुलिस व मीडियाकर्मी घायल। रिपोर्टर की हालत सीरियस।

उदयपुर.राजस्थान के उदयपुर जिले से बड़ी खबर सामने आई है। उदयसागर झील के नजदीक मछली पकड़ने वाले मछुआरों और नजदीकी रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोगों में भयंकर मारपीट हुई  है। माहौल इतना खराब हो गया कि भारी पुलिस बंदोबस्त करना पड़ा। पुलिस अफसर आदिवासी लोगों को समझाने गए तो उन्होंने पुलिस पर ही पथराव कर दिया । यहां तक कि  मीडिया कर्मी को भी नहीं बख्शा । बाद में एसपी ने लाठीचार्ज के आदेश दिए और इस बीच उपद्रव करने वाले आदिवासी लोगों पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए । आगामी आदेशों तक भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच गांव की ओर जाने वाले रास्ते बंद कर दिए गए हैं। 

क्या थी घटना की वजह
पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही प्रताप नगर पुलिस ने बताया कि उदय सागर झील के नजदीक ही आदिवासी लोग रहते हैं। करीब 5 से 6 गांव हैं जो झील के किनारे बसे हुए हैं।  रोजाना इन आदिवासी लोगों का शहर आना जाना इसी रास्ते से होता है।  पास ही झील में मछली पकड़ने वाले मछुआरे परिवार समेत रहते हैं। 2 दिन पहले आदिवासी समाज के एक युवक के साथ मछुआरों ने किसी बात को लेकर मारपीट कर दी थी। इसकी रिपोर्ट प्रताप नगर थाने में दी गई थी। मगर पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की।

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पुलिस ने न्याय नहीं किया तो खुद ही पहुचे सजा देने
दरअसल पूरा विवाद 2 दिन पहले हुए एक सामान्य मारपीट से जुड़ा हुआ है । मारपीट की इस घटना में 2 दिन तक पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो आदिवासी समाज के सैकड़ों लोग आज इस मारपीट का बदला लेने आ गये। करीब 300 आदिवासी झील के नजदीक बने मछुआरों के मकानों तक पहुंचे।मछुआरों को किसी घटना के होने का शक हुआ तो वे अपनी नावों में सवार होकर झील के बीच चले गए और वहां से प्रताप नगर पुलिस को फोन किया।  पुलिस मौके पर पहुंचती इससे पहले ही आदिवासी समाज के लोगों ने मछुआरों के कच्चे घरों,  उसके पास रखी नावो और प्लास्टिक के कैरेट को आग के हवाले कर दिया । साथ ही मछुआरों पर पथराव भी कर दिया। मौके पर प्रताप नगर पुलिस पहुंची और दमकल को भी मौके पर बुलाया। आग पर काबू करने के लिए दमकल को कई घंटे लगे। आग से मछुआरों के कच्चे मकान और उसमें रखा सामान जलकर पूरी तरह नष्ट हो गया था । 2 दिन पहले हुई मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर डालने से भी बवाल और ज्यादा बढ़ गया था।  एसपी मनोज कुमार खुद मौके पर पहुंचे और कई लोगों को हिरासत में लिया।

पुलिस आदिवासियों को समझाने गई तो उन पर भी किया हमला

हंगामा और मारपीट के बीच पुलिस ने आदिवासी समाज के लोगों को समझाने की कोशिश की तो समाज उग्र हो गया और उन्होंने पुलिस पर ही पथराव कर दिया। पुलिस पर हुए पथराव में दो पुलिसकर्मियों के चोटे आई हैं। साथ ही एक मीडिया कर्मी भी चोटिल हुआ है। जिस मीडिया कर्मी को चोट लगी है उसकी हालत गंभीर है । 
इस पूरे बवाल को काबू करने के लिए एसपी मनोज कुमार ने भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागने का आदेश दिया और बाद में लाठीचार्ज भी किया। इस घटना के बाद शहर से गांव में जाने वाले रास्तों को आगामी आदेशों तक बंद कर दिया गया है। भय के माहौल के बीच भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है।

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