गुर्जर आंदोलन: इंटरनेट बंद होने से ऑनलाइन क्लास और वर्क फ्रॉम होम वाले टेंशन में, बैंसला पर उठे सवाल

आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में जारी गुर्जरों के आंदोलन ने स्टूडेंट्स और वर्क फ्रॉम होम करने वालों के लिए तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। आंदोलन 1 नवंबर से चल रहा है। इसे देखते हुए प्रशासन ने एक दिन पहले ही कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं। आंदोलनकारियों ने इंटरनेट सेवाओं की बहाली की मांग की है। इस बीच गुर्जर नेता बैंसला पर बेरोजगारों को नौकरी के नाम पर ठगने का आरोप लगा है।

जयपुर, राजस्थान. आरक्षण की मांग को लेकर 1 नवंबर से चल रहे गुर्जरों के आंदोलन ने स्टूडेंट़्स और वर्क फ्रॉम होम करने वालों के लिए परेशानी बढ़ा दी है। प्रशासन ने आंदोलन के एक दिन पहले से ही इंटरनेट सेवाएं बंद कर रखी हैं। बता दें कि गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला भरतपुर के पीलूपुरा स्थित रेलवे ट्रैक पर अपने समर्थकों के साथ बैठे हुए हैं। आंदोलन के चलते भरतपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर की 5 तहसीलों और अलवर में कुछ जगह इंटरनेट बंद रखा गया है। इसके अलावा ट्रेनें और बसें भी नहीं चल पा रही हैं।

बैंसला पर सवाल...

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पहले बता दें कि बुधवार को अलवर रोड स्थित मोराका टोल नाका पर लंबा जाम लगाने के बाद आंदोलनकारियों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद गुर्जर समाज के अध्यक्ष रूपसिंह ने जाम खुलवाया। इस बीच नहरा क्षेत्र के पंच-पटेलों वाले प्रतिनिधि मंडल की अगुवाई करने वाले गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने कर्नल किरोड़ी बैंसला और उनके पुत्र विजय पर बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए ऐंठने के आरोप लगाकर सनसनी फैला दी। उन्होंने कर्नल बैंसला ट्रस्ट का अकाउंट सार्वजनिक करने की मांग की। इस पर विजय बैंसला ने स्पष्टीकरण दिया कि फाउंडेशन गरीब शहीद परिवारों को हर महीने 6000 रुपए देता है।

पटरी पर मनाया था जन्मदिन
मंगलवार देर रात कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने अपने बेटे का जन्मदिन पटरी पर केक काटकर मनाया था। बता दें कि आंदोलन के चलते कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं। कइयों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है। वहीं, बसों के पहिये थमे हुए हैं। सरकार ने समझौते की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। आंदोलनकारी भरतपुर सहित कई जगहों पर दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बातचीत हर समस्या का हल है। आंदोलन में महिलाओं ने भी मोर्चा संभाल लिया है। वे आंदोलनकारियों के लिए रजाई-गद्दे और चाय-नाश्ता-खाना लेकर आ रही हैं। हालांकि अब गुर्जर समाज के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व पर सवाल खड़े होने लगे हैं। कहा जा रहा है कि वे अपने बेटे विजय को आगे करना चाहते हैं।

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