3 दिन दिंसबर को राजस्थान में राहुल गांदी की भारत जोड़ो यात्रा एंट्री कर जाएगी। लेकिन राज्य में अपनी सरकार होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत टेंशन में हैं। क्योंकि गुर्जरों ने अपनी मांगों को पूरी नहीं करने पर सरकार को राज्य में यात्रा के प्रवेश नहीं होने का अल्टीमेटम दिया है।
जयपुर. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश से पहले ही एक बार फिर से गहलोत और पायलट में जुबानी जंग के बयान फिर से सामने आया। इसे जैसे तैसे कांग्रेस के आलाकमानों ने शांत किया तो वहीं अब गहलोत सरकार के लिए एक और मुसिबत सामने खड़ी हो गई बता दें कि इस बार गुर्जर समाज के प्रतिनिधि यात्रा का विरोध जताने की बात कर रहे हैं तो वहीं अब गहलोत सरकार के उच्चाधिकारी इन गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों से वार्ता में जुटी है लेकिन सूत्रों का कहना है कि वार्ता सकारात्मक नहीं रह पा रही है।
गुर्जर नेता को मनाने के लिए जुटा पूरा तंत्र
बता दें कि पिछले दिनों गुर्जर नेता विजय बैंसला ने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' का विरोध किया था उस दौरान राज्य सरकार ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया था लेकिन अब जब कांग्रेस आलकमान ने सरकार पर दबाव बनाया तो सब कुछ ठीक किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस मसले को हल करने के लिए पूरा तंत्र एक्टिव कर दिया है।
आज शाम को हो सकता है बड़ा फैसला
जानकार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 30 नवंबर को शाम 5 बजे होने वाली बैठक टाल दी गई। इस बैठक में मंत्री बीडी कल्ला, राजेन्द्र यादव, अशोक चांदना, देवनारायण बोर्ड राजस्थान सरकार के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह अवाना सरकार की तरफ से मौजूद रहने की बता सामने आ रही है। इस संदर्भ में जोगिंदर अवाना का कहना है कि बुधवार को बैठक नहीं हो सकी, लेकिन एक दिसंबर को होने वाली बैठक में बातचीत के जरिए हल निकलने की पूरी पूरी उम्मीद की जाएगी।
जानिए क्या हैं गुर्जरों की मांगे
बता दें कि इस बार आंदोलन की बात अति पिछड़ा वर्ग के तहत आने वाले गुर्जर समेत पांच समुदाय के लोग आंदोलन कर रहे हैं। ये नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में पांच फीसदी आरक्षण, छात्रों को छात्रवृत्ति, नौकरियों में पदोन्नति से संबंधित मुद्दों, गुर्जर समाज के कल्याण के लिए गठित देवनारायण बोर्ड के लिए बजट और पूर्व में हुए गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस मामलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। तो वहीं गहलोत सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना और देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह अवाना ने बताया था कि ज्यादातर मांगों पर सहमति है। एक बिंदु पर सहमति नहीं बन पाई है उसको लेकर परीक्षण करवाया जा रहा है।