पूरी दुनिया में 1 दिसंबर को एड्स डे मनाया जाता है। एड्स का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं, जो इससे पॉजिटिव होते हैं उनको छूना तो दूर उनके पास तक नहीं जाते। लेकिन राजस्थान के दो जोड़ों ने एड्स के इस डर पर जीत दर्ज की है, हालांकि वह अभी संघर्ष कर रहे हैं। उन्होनें अपने डर को हराकर शादी की है और सावधानी पूर्वक जीवन जी रहे हैं।
भरतपुर. एचआईवी.... एड्स। खौफ के लिए यह नाम ही काफी है। हालात कितने ही बदल जाए लेकिन एड्स शब्द सुनने के बाद जो डर अचानक पैदा होता है वह अभी भी जारी है। फिर इससे कोई फर्क नहीं पडता कि आप कितने पढे लिखे हैं....। एड्स दिवस पर आज ये बात इसलिए हो रही है क्योंकि राजस्थान के दो जोड़ों ने एड्स के इस डर पर जीत दर्ज की है। नहीं.... इसका ये मतलब नहीं है कि वे ठीक हो गए हैं, इसका ये मतलब है कि उन्होनें अपने डर को हराकर शादी की है और सावधानी पूर्वक जीवन जी रहे हैं। ये दो अनोखी शादी चार साल पहले भरतपुर में हुई थी। उसके बाद अभी तक फिर से इस तरह का आयोजन नहीं किया जा सका है। जल्द ही फिर से ऐसे आयोजन कराने की प्लानिंग चल रही है। ये आयोजन एक एनजीओ की ओर से कराए गए थे।
ऐसे शादी के लिए तैयार हुए एड्स कपल
दरअसल, नेटवर्क फॉर पीपुल लिविंग विद एचआईवी... नाम की संस्था भारत के कई राज्यों में कई सालों से काम कर रही है। राजस्थान के भी कई शहरों में यह संस्था बीमार रोगियों से जुड़ी हुई है। संस्था के पदाधिकारियों ने कहा कि डर इतना है इस नाम का कि कोई आगे नही आना चाहता.......। साल 2018 में हमें भरतपुर में दो युवक और युवतियां एड्स से बीमार मिले। उनकी दवाईयां चल रही थी और वे ठीक भी हो रहे थें लेकिन फिर भी डर था। हमने चारों के सामने शादी का प्रस्ताव रखा और कुछ समझाने के बाद दोनो जोड़े शादी को तैयार हो गए।
अब ये जोड़े आसानी से कर रहे गुजर-बसर
शादी की बात फाइनल होने के बाद दोनों जोड़ों ने अपनी पहचान को भी सार्वजनिक किया। अपने तरह के इस आयोजन में कई समाजसेवियों और अन्य संस्थाओं ने मदद की। आयोजन इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि इसमे शामिल होने वाले अधिकतर एड्स रोगी या उनके परिवार वाले थे। लेकिन अधिकतर समाज ने इससे फिर भी दूरी बनाकर रखी। अब ये जोड़े आसानी से गुजर बसर कर रहे हैं। कोरोना के चलते इस तरह के आयोजन फिर नहीं किए जा सके हैं, लेकिन फिर से ये आयोजन करने की तैयारी की जा रही है।
राजस्थान में ऐसी है HIV पॉजिटिव रिपोर्ट
राजस्थान में वर्तमान में साल 2018 से लेकर अक्टूबर 2022 तक 35 हजार 455 मरीज एचआईवी पॉजिटिव सामने आए हैं। इनमें 66 ट्रांसजेंडर्स भी शामिल हैं। 1363 बच्चे और 1111 बच्चियां भी इसमे शामिल हैं। राजस्थान के सात शहरा भीलवाड़ा, सिरोही, जालौर, पाली, उदयपुर, डूंगरपुर व बांसवाड़ा में पीडितों की संख्या कहीं ज्यादा है।