Friendships Day: किसी ने दोस्त को बनाया धनवान, तो किसी ने 'मां' का छोड़ा साथ, जानें दोस्ती की बेमिसाल कहानी

आज यानी 7 अगस्त को  फ्रेंडशिप डे (Friendships Day 2022) मनाया जा रहा है। दोस्ती को समर्पित इस दिन को लोग धूमधाम से मनाते हैं। हम फ्रेंडशिप डे पर आपको बताने जा रहे हैं, चार लोगों की कहानी जिसने दोस्ती की मिसाल कायम की।

रिलेशनशिप डेस्क.दीये जलते हैं फूल खिलते हैं, बड़ी मुश्किल से मगर दुनिया में दोस्त मिलते हैं। यह मशहूर गीत दोस्ती के रिश्ते पर बिल्कुल सटीक बैठता है। माता-पिता से औलाद का रिश्ता और भाई-बहनों का रिश्ता तो खून का होता है। पति-पत्नी और मोहब्बत के रिश्ते में भी किसी न किसी अधिकार की अपेक्षा होती है। पर दोस्ती का रिश्ता ऐसी तमाम जरूरतों और पाबंदियों से परे होता है। इसीलिए दुनिया में दोस्ती से अनमोल और अनोखा कोई दूसरा रिश्ता नहीं।

भगवान को भी दोस्ती प्यारी है

Latest Videos

दोस्ती के बेमिसाल किस्सों से यूं तो पूरा इतिहास भरा पड़ा है। लेकिन आज हम आपको इस रिश्ते से जुड़ी दो ऐसी कहानियां बताने जा रहे हैं जिनकी चर्चा घर-घर होती है। ये दोनों किस्से प्राचीन काल से ही चले आ रहे हैं। इनका संबंध द्वापर युग से है यानी वह युग जब धरती पर भगवान कृष्ण मौजूद थे और जब कौरवों-पांडवों के बीच दुनिया का सबसे बड़ा युद्ध महाभारत हुआ था।

कृष्ण-सुदामा की दोस्ती की कसमें

भगवान कृष्ण को सोलह कलाओं में निपुण माना जाता है। कृष्ण की लीलाओं को कोई ओर-छोर नहीं। बालपन से लेकर युवाकाल तक उनकी अनगिनत ऐसी कहानियां हैं जो आज भी मिसाल हैं। इन्हीं में से एक प्रसंग है भगवान कृष्ण और सुदामा की दोस्ती का जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होती है। ब्राह्मण पुत्र सुदामा के बाल सखा थे कृष्ण। बचपन में गुरुकुल में शिक्षा के दौरान दोनों की दोस्ती हुई। बाद में कृष्ण राजा बन गए और द्वारिका में अपनी राजधानी बना ली। इस दौरान सुदामा बेहद गरीबी में गुजर-बसर करते रहे पर कृष्ण को अपनी व्यथा कभी नहीं बताई। 

कृष्ण ने आंसुओं से धोए मित्र के पैर

जब सुदामा की जीवन कष्टों से बुरी तरह घिर गया तो पत्नी के कहने पर अपने मित्र कृष्ण से मिलने द्वारिका पहुंचे। दोस्त को भेंट देने के लिए गरीब सुदामा अपने साथ मुट्ठी भर चावल ले गए थे। कहते हैं कि सुदामा की हालत देखकर कृष्ण का कलेजा फट पड़ा और वे फूट-फूट कर रो पड़े थे। तब भगवान कृष्ण ने अपने आंसुओं से मित्र सुदामा के पैर पखारे थे। कृष्ण की कृपा से सुदामा की न सिर्फ दरिद्रता दूर हो गई बल्कि उनका पूरा जीवन ऐश्वर्य में बीता।

दुर्योधन और कर्ण की दोस्ती मिसाल

द्वापर युग की ही दूसरी कहानी भी दोस्ती के पैमाने पर आज तक मिसाल मानी जाती है। यह दोस्ती थी कौरवों के राजकुमार दुर्योधन और सूत पुत्र कर्ण की। वीरता में अर्जुन के समान होने के बावजूद जब कर्ण को क्षत्रियों की सभा में जब अपनी शक्ति के प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली तो दुर्योधन ने कर्ण को अपना मित्र बनाते हुए अंग राज्य भेंट कर दिया। उसके बाद कर्ण हमेशा के लिए दुर्योधन की दोस्ती के कायल हो गए। 

कर्ण ने मरते दम तक निभाई दोस्ती 

महाभारत का युद्ध शुरू होने से पहले कर्ण को पता चला कि वे भी माता कुंती की ही संतान हैं। भगवान कृष्ण ने तब कर्ण को यह भी प्रस्ताव दिया था कि अगर वे पांडवों की ओर से युद्ध में शामिल हुए तो उन्हें भी हस्तिनापुर का सम्राट बनाया जाएगा। जीवन भर सूत पुत्र का दंश झेलने वाले कर्ण के लिए इससे बड़ा अवसर नहीं मिल सकता था। लेकिन कर्ण ने दौलत की बजाए दोस्ती को चुना और दुर्योधन की ओर से युद्ध में शामिल हुए। दुर्योधन की लाख बुराइयों के बावजूद दानवीर कर्ण ने उसी का साथ निभाया और महाभारत के युद्ध में हंसते-हंसते अपने प्राण न्योछावर कर दिए। दोस्त के प्रति कर्ण की इस भावन के आगे स्वयं भगवान कृष्ण भी नतमस्तक हो गए।

और पढ़ें:

दूल्हे ने साली से मांगा 5 KISS, दुल्हन की बहन का रिएक्शन देख लोग बोले-दिल आ गया

लग्जरी ब्रांड ने बनाया कूड़े फेंकने का बैग, दाम सुन लोग बोले-गिरवी रखना पड़ेगा मकान

Share this article
click me!

Latest Videos

जेल से बाहर क्यों है Adani? Rahul Gandhi ने सवाल का दे दिया जवाब #Shorts
UP bypoll Election 2024: 3 सीटें जहां BJP के अपनों ने बढ़ाई टेंशन, होने जा रहा बड़ा नुकसान!
Jharkhand Election Exit Poll: कौन सी हैं वो 59 सीट जहां JMM ने किया जीत का दावा, निकाली पूरी लिस्ट
Rescue Video: आफत में फंसे भालू के लिए देवदूत बने जवान, दिल को छू जाएगा यह वीडियो
दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC