अगर आप सुखी वैवाहिक जीवन जीना चाहते हैं तो शिव जी से आपको ये 5 बाते सीखनी चाहिए, इससे आपके जीवन में हमेशा प्रेम और एक-दूसरे के प्रति सम्मान होगा।
रिलेशनशिप डेस्क: महाशिवरात्रि (mahashivratri 2022) का पावन पर्व इस बार 1 मार्च को है। घरों और मंदिरों में इसे लेकर खूब तैयारियां चल रही है। इस दिन भगवान शिव (lord shiva) और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए हर साल इस दिन भोलेनाथ की बारात निकाली जाती है और धूमधाम से उनकी शादी करवाई जाती है। हर लड़की अच्छा पति पाने के लिए भगवान शिव की पूजा करती है और महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। ऐसे में आज हम आपको बताते है ऐसी 5 चीजें हो हर आदमी को सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भगवान शिव से अपनानी चाहिए...
पति के बीच समानता
हमें भोलेनाथ से ये चीज सीखनी चाहिए कि इतने पूजनीय और शक्तिशाली होने के बावजूद भी उन्होंने कभी माता पार्वती से खुद को ऊंचा नहीं बताया, बल्कि महादेव इकलौते ऐसे देवता हैं जिन्हें अर्धनारीश्वर कहा जाता है, जिसका मतलब आधा पुरुष और आधा स्त्री। वह अपने पत्नी को अपना आधा अंग मानते थे ऐसे में हर इंसान को अपनी पत्नी को अपने बराबर का दर्जा देना चाहिए।
अपार प्रेम
प्रेम करना तो कोई भगवान भोलेनाथ से सीखें, इसलिए शायद हर लड़की शिवजी का व्रत करती है ताकि उसे उनकी तरह ही वर मिले। हर रिश्ते की नींव प्रेम ही होती है, इसलिए हमें भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती से हमें ये चीज सीखनी चाहिए कि किस तरह उन्होंने एक दूसरे को अपार प्रेम किया।
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ईमानदारी और त्याग की भावना
हमें भगवान भोलेनाथ से सीखना चाहिए कि माता पार्वती सती के रूप में भस्म हो गई थी तो उनका शरीर लेकर वह दुनिया से विरक्त हो गए थे। वहीं, मां पार्वती भी हमेशा से शिव के साथ उनके हर वक्त में साथ रही थी। यही ईमानदारी और त्याग की भावना भावना हर पति-पत्नी के बीच होनी चाहिए।
परिवार को लेकर बैलेंस करना
फैमिली मैनेजमेंट या परिवार के बीच संतुलन बनाए रखने का तरीका हमें भगवान शिव और उनके परिवार से सीखना चाहिए कि किस तरह जैसे- शिव के गले में सांप होता है और उनके पुत्र गणेश का वाहक चूहा होता है और सांप और चूहा एक दूसरे के शत्रु माने जाते हैं, लेकिन दोनों में कभी लड़ाई नहीं है। ऐसे ही माता गौरी का वाहन शेर है। वहीं भगवान शिव का वाहन बैल है। दोनों भी शत्रु होते हैं लेकिन इस परिवार में ऐसी कोई बात नहीं है। सभी शत्रु साथ में रहकर भा परिवार का हिस्सा हो जाते हैं।
हर रूप में अपने साथी को पसंद करना
शिव भगवान शिव ही नहीं बल्कि माता पार्वती से भी हमें यह सीखना चाहिए कि किस तरह जब उनके पास विवाह के लिए राजा-महाराजाओं के प्रस्ताव थे, तो उन्होंने पर्वतों में रहने वाले, गले में सांप डाले और सभी मोह माया से दूर भगवान शिव को अपने साथी के रूप में चुना। अगर पति पत्नी भी एक दूसरे को इसी तरह से अपार प्रेम करेंगे और हर रूप में उन्हें पसंद करेंगे तो उनके बीच प्यार और ज्यादा बढ़ता है।
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