
Dattatreya Jayanti 2025: हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं की मान्यता है। भगवान दत्तात्रेय भी इनमें से एक है। अनेक धर्म ग्रंथों में भगवान दत्तात्रेय की कथाएं पढ़ने को मिलती हैं। कुछ ग्रंथों में इन्हें ब्रह्मा, विष्णु और शिव का संयुक्त अवतार बताया गया है तो कुछ ग्रंथों में सिर्फ भगवान विष्णु का। भगवान दत्तात्रेय की पूजा मुख्य रूप से साधु-संन्यासी करते हैं। इनके अनेक प्रसिद्ध मंदिर भी हमारे देश में है। हर साल अगहन मास की पूर्णिमा पर दत्तात्रेय जयंती मनाई जाती है। इस बार ये पर्व 4 दिसंबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। आगे जानिए भगवान दत्तात्रेय की पूजा विधि, मंत्र और आरती सहित पूरी डिटेल…
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सुबह 10:57 से दोपहर 12:17 तक
दोपहर 11:55 से 12:38 तक
दोपहर 12:17 से 01:36 तक
दोपहर 01:36 से 02:56 तक
शाम 05:36 से 07:16 तक
शाम 07:16 से 08:56 तक
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-4 दिसंबर, गुरुवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और व्रत-पूजा का संकल्प लें। ऊपर बताए गए किसी भी शुभ मुहूर्त से पहले जहां पूजा करनी है, उस स्थान को साफ कर वहां एक लकड़ी का पटिया रखें।
- शुभ मुहूर्त शुरू होने पर इस पटिए पर लाल कपड़ा बिछाकर इस पर भगवान दत्तात्रेय की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। सबसे पहले फूल व माला चित्र पर अर्पित करें। शुद्ध घी का दीपक भी जरूर लगाएं।
- इसके बाद गुलाल, अबीर, चंदन, जनेऊ आदि चीजें एक-एक करके भगवान दत्तात्रेय के चित्र पर चढ़ाते जाएं। चढ़ाएं। अपनी इच्छा के अनुसार भगवान को भोग लगाएं व विधि-विधान से आरती करें।
- इस तरह पूजा करने के बाद संभव हो तो जरूरतमंदों को अपनी इच्छा अनुसार भोजन, अनाज आदि चीजों का दान करें और नीचे लिखे मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। मंत्र जाप रुद्राक्ष की माला से करें।
मंत्र- ऊं द्रां दत्तात्रेयाय नम:
त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त हा जाणा ।
त्रिगुणी अवतार त्रैलोक्य राणा ।
नेती नेती शब्द न ये अनुमाना ॥
सुरवर मुनिजन योगी समाधी न ये ध्याना ॥
जय देव जय देव जय श्री गुरुद्त्ता ।
आरती ओवाळिता हरली भवचिंता ॥
सबाह्य अभ्यंतरी तू एक द्त्त ।
अभाग्यासी कैची कळेल हि मात ॥
पराही परतली तेथे कैचा हेत ।
जन्ममरणाचाही पुरलासे अंत ॥
दत्त येऊनिया ऊभा ठाकला ।
भावे साष्टांगेसी प्रणिपात केला ॥
प्रसन्न होऊनि आशीर्वाद दिधला ।
जन्ममरणाचा फेरा चुकवीला ॥
दत्त दत्त ऐसें लागले ध्यान ।
हरपले मन झाले उन्मन ॥
मी तू पणाची झाली बोळवण ।
एका जनार्दनी श्रीदत्तध्यान ॥
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।