Ganesh Chaturthi 2025 Kab Hai: भाद्रपद मास में हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व अगस्त 2025 के अंतिम सप्ताह में मनाया जाएगा। 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरूआत कब होगी? आगे जानें सही डेट, पूजा विधि, मंत्र व अन्य खास बातें…
Ganesh Chaturthi 2025 Shubh Muhurat: धर्म ग्रंथों में भगवान श्रीगणेश को प्रथम पूज्य कहा गया है यानी किसी भी शुभ कार्य से पहले इनकी पूजा जरूर की जाती है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर देवी सीता ने भगवान श्रीगणेश को प्रकट किया था। गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। इस उत्सव के पहले दिन भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा को घर में स्थापित किया जाता है। आगे जानिए 2025 में कब है गणेश चतुर्थी और इस दिन कैसे करें गणेश प्रतिमा की स्थापना आदि की डिटेल…
भगवान श्रीगणेश की पूजा में तुलसी नहीं चढ़ाई जाती। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार देवी तुलसी ने श्रीगणेश को विवाह होने का और श्रीगणेश ने तुलसी को वृक्ष बनने का श्राप दिया था। इस वजह से श्रीगणेश की पूजा में तुलसी नहीं चढ़ाई जाती।
25
गणेश चतुर्थी कब है 2025 में?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त, मंगलवार की दोपहर 01:54 से शुरू होगी, जो 27 अगस्त की दोपहर 03:44 तक रहेगी। चूंकि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का सूर्योदय 27 अगस्त, बुधवार को होगा, इसलिए इसी दिन गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा और 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत होगी।
27 अगस्त, बुधवार को गणेश स्थापना का श्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 11:05 से दोपहर 01:40 तक रहेगा। इसके अलावा आप अपनी सुविधा के अनुसार चौघड़ियां मुहूर्त में भी गणेश प्रतिमा की स्थापना कर सकते हैं। ये हैं चौघड़ियां के शुभ मुहूर्त- सुबह 06:11 से 07:45 तक सुबह 07:45 से 09:19 तक सुबह 10:54 से दोपहर 12:28 तक दोपहर 03:36 से शाम 05:11 तक शाम 05:11 से 06:45 तक
45
गणेश प्रतिमा की स्थापना व पूजा विधि (Ganesh Chaturthi Puja Vidhi)
- 27 अगस्त, बुधवार की सुबह स्नान करें और व्रत-पूजा का संकल्प लें। पूजा के लिए जरूरी चीजें पहले से एक जगह रख लें। - घर, दुकान या ऑफिस जहां भी जहां गणेश प्रतिमा स्थापित करनी है उसे गंगा जल या गौमूत्र छिड़कर उसे पवित्र करें। - इस स्थान पर लकड़ी की चौकी रख इस पर सफेद रंग का नया कपड़ा बिछाएं। शुभ मुहूर्त में इस चौकी पर श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करें। - सबसे पहले श्रीगणेश की प्रतिमा पर कुमकुम से तिलक लगाएं। फूलों का हार पहनाएं और शुद्ध घी का दीपक भी जलाएं। - हल्दी, रोली, इत्र, पान, इलाइची, लौंग, अबीर, गुलाल आदि चीजें एक-एक करके भगवान श्रीगणेश को चढ़ाते रहें। - साथ ही हल्दी लगी हुई दूर्वा भी श्रीगणेश को अर्पित करें। पूजा के दौरान ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप मन ही मन करते रहें। - इसके बाद श्रीगणेश को मोदक या बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं और आरती करें। संभव हो तो कुछ देर मंत्र जाप भी करें। - 10 दिनों तक रोज सुबह-शाम श्रीगणेश की पूजा इसी विधि से करते रहें। इससे आपकी हर मनोकामना पूर हो सकती है।
55
भगवान श्रीगणेश की आरती ( Lord Ganesh Aarti Lyrics In Hindi)
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकि पार्वती पिता महादेवा।। जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। एक दन्त दयावंत चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी।। जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। अन्धन को आंख देत कोढिऩ को काया। बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।। जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। हार चढ़े फुल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डूवन का भोग लगे संत करे सेवा।। जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। दीनन की लाज रखो, शंभू पुत्र वारी। मनोरथ को पूरा करो, जय बलिहारी।। जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकि पार्वती पिता महादेवा।।
Disclaimer इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।