Gaya Pitru Paksha Mela 2023: गया को क्यों कहते हैं मोक्ष नगरी, यहां हर साल क्यों लगता है पितृ पक्ष मेला?

Gaya Pitru Paksha Mela 2023 Date:आश्विन मास के पहले पखवाड़े में पितृ पक्ष आता है। इसे महालया भी कहते हैं। इन 16 दिनों में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान आदि किए जाते हैं। श्राद्ध-पिंडदान के लिए बिहार के गया को सबसे उत्तम तीर्थ माना गया है।

 

Manish Meharele | Published : Sep 29, 2023 4:52 AM IST

उज्जैन. वैसे तो हमारे देश में श्राद्ध-पिंडदान के लिए कईं प्रसिद्ध तीर्थ हैं, लेकिन इन सभी में बिहार के गया को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। यही कारण है कि श्राद्ध पक्ष के दौरान यहां लोगों को भीड़ उमड़ती है। इस दौरान यहां पितृ पक्ष मेले (Gaya Pitru Paksha Mela) का आयोजन भी किया जाता है। इस बार गया में पितृ पक्ष मेला 28 सितंबर से शुरू हो चुका है जो 14 अक्टूबर तक रहेगा। आगे जानिए पितृ पक्ष मेले और गया तीर्थ से जुड़ी खास बातें…

गया तीर्थ पिंडदान-श्राद्ध के लिए श्रेष्ठ क्यों (gaya ji me kyu karte hai pind daan)
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, वनवास के दौरान भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता पितृ पक्ष में श्राद्ध के लिए गया गए थे। वहां पहुंचकर कुछ सामान लेने के लिए श्रीराम और लक्ष्मण वन में चले गए। इसी दौरान आकाशवाणी हुई कि पिंडदान का समय निकल रहा है। तभी वहां श्रीराम के पिता राजा दशरथ की आत्मा प्रकट हुई और उन्होंने देवी सीता से ही पिंडदान करने के लिए कहा। ससुर की बात मानकर देवी सीता ने फल्गू नदी, वटवृक्ष, केतकी के फूल और गाय को साक्षी मानकर बालू का पिंड बनाकर दशरथजी महाराज का फल्गू नदी के किनारे पिंडदान कर दिया। इसके बाद दशरथजी की आत्मा प्रसन्न होकर सीताजी को आशीर्वाद देकर चली गई। बाद में जब श्रीराम और लक्ष्मण वहां आए तो उन्हें इस बारे में जानकर बड़ी खुशी हुई। तभी से गया को पिंडदान के लिए श्रेष्ठ माना गया है। इसलिए गया को मोक्ष नगरी भी कहते हैं।

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पितृ पक्ष मेले में आते हैं लाखों लोग
गया तीर्थ में हर साल श्राद्ध पक्ष के दौरान पितृ पक्ष मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार ये मेला 28 सितंबर से शुरू हो चुका है, जो 14 अक्टूबर तक रहेगा। पिंडदान एवं तर्पण के लिए फल्गु तट पर देवघाट, ब्राह्मणी घाट, पितामहेश्वर व सीताकुंड घाट का खास महत्व है। इस साल पितृपक्ष मेले में 8 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की संभावना जताई गई है। पुलिस-प्रशासन ने इसके लिए सारी तैयारियां कर ली हैं ताकि श्रृद्धालुओं को किसी तरह की कोई असुविधा न हो।

कैसे पहुंचें?

हवाई मार्ग: गया में अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा है, जो सभी प्रमुख हवाई अड्डों से जुड़ा है।

रेल मार्ग: गया जंक्शन बिहार का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। गया से पटना, कोलकाता, पुरी, बनारस, चेन्नई, मुम्बई, नई दिल्ली आदि के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं।

सड़क मार्ग: गया राजधानी पटना और राजगीर, रांची, बनारस आदि के लिए बसें जाती हैं। गया में दो बस स्टैंड हैं। दोनों स्टैंड फल्गु नदी के तट पर स्थित है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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