Hanuman Ashtami Vrat Katha: क्यों मनाते हैं हनुमान अष्टमी? सुनें ये 2 रोचक कथाएं

Published : Dec 12, 2025, 10:18 AM IST
Hanuman Ashtami Vrat Katha

सार

Hanuman Ashtami Vrat Katha: पूरे साल में हनुमानजी से जुड़े अनेक व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं, हनुमान अष्टमी भी इनमें से एक है। ये पर्व हर साल पौष मास में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इससे जुड़ी कईं रोचक कथाएं भी हैं। 

Hanuman Ashtami Katha In Hindi: पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का धर्म ग्रंथों में विशेष महत्व बताया गया है क्योंकि इस दिन हनुमान अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 12 दिसंबर, शुक्रवार को मनाया जा रहा है। इस दिन हनुमान मंदिरों में विशेष साज-सज्जा की जाती है। बजरंगबली के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ भी इस दिन उमड़ती है। हनुमान अष्टमी का पर्व क्यों मनाते हैं, इससे जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं जो बहुत ही रोचक हैं। आगे जानिए हनुमान अष्टमी से जुड़ी रोचक कथा…

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हनुमान अष्टमी की कथा

प्रचलित कथा के अनुसार, जब भगवान श्रीराम ने अपने सेना के साथ लंका पर आक्रमण किया तो इस दौरान अहिरावण श्रीराम और लक्ष्मण का अपहरण कर पाताल लोक में ले गया। पाताल लोक में जाकर अहिरावण का वध करना किसी के लिए भी संभव नहीं था। ऐसी स्थिति में हनुमानजी सूक्ष्म रूप लेकर पाताल लोक गए और वहां अहिरावण का वध कर श्रीराम और लक्ष्मण को सुरक्षित धरती पर ले आए। अहिरावण से युद्ध करने के कारण हनुमानजी बहुत तक गए तो थोड़ी देर के लिए वे पृथ्वी के नाभि केंद्र उज्जयिनी (वर्तमान उज्जैन) आए यहां आकर विश्राम किया। तभी से उज्जैन में हनुमान अष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है।

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एक कथा ये भी प्रचलित

हनुमान अष्टमी से जुड़ी एक और कथा भी प्रचलित है, उसके अनुसार, किसी समय उज्जयिनी (वर्तमान उज्जैन) में एक बहुत बड़े सिद्ध महात्मा रहते थे, वे हनुमानजी के परम भक्त थे। उनकी भक्ति से खुश होकर हनुमानजी ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए। उस दिन पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि थी। तभी से उज्जैन में हनुमान अष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है।

कहां मनाते हैं हनुमान अष्टमी का पर्व?

वैसे तो हनुमान अष्टमी का पर्व पूरे देश में मनाया जाता है लेकिन इसकी सबसे ज्यादा धूम मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में रहती है। इसके पीछे की वजह है कि हनुमान अष्टमी से जुड़ी कथाएं यहीं से जुड़ी हुई हैं। ऐसा भी कहते हैं कि पहले के समय में सिर्फ उज्जैन में ही हनुमान अष्टमी का पर्व मनाया जाता था जो धीरे-धीरे पूरे देश में मनाया जाने लगा। वर्तमान में भी उज्जैन और इसके आस-पास के क्षेत्र जैसे इंदौर आदि में भी हनुमान अष्टमी की रौनक देखते बनती है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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