- 23 अप्रैल, मंगलवार की सुबह सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान आदि करें। इसके बाद हाथ में जल-चावल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- शुभ मुहूर्त से पहले पूजा की सामग्री एक स्थान पर एकत्रित कर लें। घर के किसी स्थान की साफ-सफाई करें और गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें।
- उस स्थान पर लकड़ी की चौकी यानी पटिया स्थापित करें। चौकी के ऊपर थोड़े से चावल रखें और इसके ऊपर लाल कपड़ा बिछा दें।
- इसके ऊपर हनुमानजी की प्रतिमा या चित्र रखें। ध्यान रखें कि हनुमानजी की प्रतिमा या चित्र का मुख पूर्व दिशा की ओर हो।
- हनुमानजी की कुमकुम से तिलक लगाएं। गुलाब के फूलों का हार पहनाकर शुद्ध घी का दीपक जलाएं। केवड़े का इत्र लगाएं।
- इसके बाद अबीर, गुलाल, सिंदूर, चावल, पान, फूल, वस्त्र, जनेऊ, फल आदि चीजें एक-एक करके हनुमानजी को चढ़ाते रहें।
- हनुमानजी को अपनी इच्छा अनुसार फल व अन्य चीजों का भोग लगाएं। संभव हो तो ये भोग घर पर ही शुद्धतापूर्वक तैयार करें।
- इस प्रकार पूजा करने के बाद 11 दीपकों से हनुमानजी की आरती करें। इस तरह पूजा करने से हनुमानजी की कृपा आप पर बनी रहेगी।