इस बार हनुमान जयंती का पर्व 23 अप्रैल, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन राशि अनुसार आसान उपाय करने से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है। जानें इन उपायों के बारे में…
इस राशि के स्वामी मंगलदेव हैं। इस राशि के लोग हनुमान जयंती पर हनुमानजी को लाल वस्त्र अर्पित करें और मीठा पान चढ़ाएं। इससे आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
इस राशि के स्वामी शुक्रदेव हैं। इस राशि के लोग हनुमान प्रतिमा का अभिषेक गाय के दूध से करें। साथ ही मावे से बनी किसी भी मिठाई का भोग हनुमानजी को लगाएं। इससे शुभ फल मिलेंगे।
इस राशि के स्वामी बुधदेव हैं। इस राशि के लोग हनुमानजी को गुड़-चने का भोग लगाएं और गरीबों को अपनी इच्छा अनुसार अनाज दान करें। इससे इनकी परेशानियां दूर हो सकती हैं।
इस राशि के स्वामी चंद्रदेव हैं। इस राशि के लोग हनुमान जयंती पर किसी मंदिर में बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। हनुमानजी को शुद्ध घी से बने चूरमे का भोग भी लगाएं।
इस राशि के स्वामी सूर्यदेव हैं, जो हनुमानजी के गुरु भी हैं। इस राशि के लोग हनुमानजी की पूजा में लाल फूल चढ़ाएं। संभव हो तो हनुमान चालीसा या सुंदर कांड का पाठ भी करें।
इस राशि के स्वामी बुधदेव हैं। हनुमान जयंती पर इस राशि के लोग हनुमानजी को साबूत नारियल चढ़ाएं यानी इसे फोड़े नहीं। किसी ब्राह्मण को लाल वस्त्रों का दान भी इस दिन करें।
इस राशि के स्वामी शुक्रदेव हैं। ये लोग हनुमान जयंती पर किसी मंदिर में केसरिया या लाल रंग का झंडा लगवाएं और मंत्रों का जाप भी करें। इससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
इस राशि के स्वामी मंगलदेव हैं। ये लोग हनुमानजी की प्रतिमा पर सिंदूर और चमेली के तेल से चोला चढ़ाएं। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक लगाकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ भी करें।
इस राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। इस राशि के लोग हनुमान जयंती पर हनुमान मंत्रों का जाप किसी मंदिर में बैठकर करें और पीले फल जैसे कैले, पपीता आदि का भोग लगाएं।
इस राशि के स्वामी शनिदेव हैं। ये लोग हनुमान जयंती पर 11 बरगद के पत्तों पर श्रीराम लिखकर माला बनाएं और इसे हनुमानजी को अर्पित करें। शीघ्र ही आपके संकट दूर हो सकते हैं।
इस राशि के स्वामी भी शनिदेव ही हैं। ये लोग हनुमान जयंती पर हनुमानजी की विधि-विधान से पूजा करें और केवड़े का इत्र लगाएं। ये लोग हनुमान अष्टक का पाठ भी इस दिन करें।
इस राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। ये लोग हनुमानजी के सामने शुद्ध घी का दीपक लगाएं और सुंदर कांड का पाठ करें। साथ ही गाय के दूध से बनी खीर का भोग भी लगाएं।