नोट करें हरतालिका तीज व्रत की पूजा सामग्री, कोई भी सामान छूट न जाए

Published : Aug 31, 2024, 08:56 AM ISTUpdated : Sep 06, 2024, 08:13 AM IST
hartalika teej 2024

सार

Hartalika Teej 2024 Date: इस बार हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर, शुक्रवार को किया जाएगा। इस व्रत में शिव-पार्वती की पूजा के लिए काफी चीजों की जरूरत होती है। यहां नोट करें हरतालिका तीज पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट… 

Hartalika Teej Pujan Samgri List:  हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है। ये व्रत महिला प्रधान है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से मैरिड लाइफ खुशहाल रहती है और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा पति मिलता है। इस बार ये व्रत 6 सितंबर, शुक्रवार को किया जाएगा। इस दिन कईं शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।

होती है शिव पार्वती की पूजा
हरतालिका तीज व्रत में भगवान शिव के साथ देवी पार्वती और भगवान श्रीगणेश की पूजा का भी विधान है। इस व्रत में महिलाएं दिन भर कुछ भी खाती-पीती नहीं हैं रात भर जागकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। चारों पहर की इस पूजा में बहुत सारी सामग्री की जरूरत पड़ती है, इसलिए इसे पहले ही लेकर रख लेना चाहिए। आगे नोट करें हरतालिका तीज व्रत की पूजन सामग्री की लिस्ट…

भगवान गणेश के लिए पूजन सामग्री
हरतालिता तीज व्रत में सबसे पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। नोट करें भगवान श्रीगणेश की पूजा सामग्री की सामग्री…
बिल्व पत्र, नारियल, अबीर, गुलाल, रोली, केले के पत्ते, शमी के पत्ते, सिंदूर, मौसमी फल, जनेऊ, दीपक और फूल आदि।

पार्वती माता के लिए पूजन सामग्री
धर्म ग्रंथों के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत सबसे पहले देवी पार्वती ने किया था ताकि भगवान शिव उन्हें पति रूप में मिलें। इसलिए इस पूजा में देवी पार्वती की पूजा भी की जाती है। नोट करें देवी पार्वती की पूजा की सामग्री…
बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, मेहंदी, महावर, चूड़ी, बिछिया, काजल, पायल, शीशा, लाल चुनरी, फूल, अबीर, गुलाल, रोली, मौसमी फल आदि।

भगवान शिव के लिए पूजन सामग्री
हरतालिका तीज व्रत में मुख्य पूजा भगवान शिव की होती है। मान्यता है कि भगवान शिव जिस पर प्रसन्न हो जाएं उसे मनचाहा वरदान दे देते हैं। नोट करें शिवजी की पूजा की सामग्री…
सुपारी, बताशा, विभिन्न प्रकार के फल (केले, सेवफल, नाशपति, अंगूर, अनार आदि), विभिन्न प्रकार के फूल (गेंदा, चमेली, सूरजमुखी, रातरानी, मोगरा, आंकड़ा आदि), विभन्न प्रकार के पेड़ों के पत्ते (केला, आम, अशोक, बिल्व आदि), पंचामृत, पूजा का नाड़ा, भोग के लिए मिठाई, घी, कपूर, दीपक, पान आदि।


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इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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