Saphala Ekadashi 2024:सफला एकादशी कब, 25 या 26 दिसंबर? जानें विधि-मंत्र, मुहूर्त

Saphala Ekadashi 2024: पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इस एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार सफला एकादशी का व्रत दिसंबर 2024 में किया जाएगा।

 

Saphala Ekadashi December 2024 Date: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत ही पवित्र माना गया है। एक साल में कुल 24 एकादशी का संयोग बनता है। पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आगे जानिए कब करें सफला एकादशी व्रत, शुभ मुहूर्त आदि की डिटेल…

कब है सफला एकादशी दिसंबर 2024? (Saphala Ekadashi December 2024 kab hai)

पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 दिसंबर, बुधवार की रात 10 बजकर 29 से शुरू होगी, जो 27 दिसंबर, गुरुवार की रात 12 बजकर 44 मिनिट तक रहेगी। चूंकि एकादशी का सूर्योदय 26 दिसंबर को होगा, इसलिए इसी दिन सफला एकादशी का व्रत किया जाएगा। इस दिन सुकर्मा, सुस्थिर और वर्धमान नाम के 3 शुभ योग भी रहेंगे। व्रत का पारणा अगले दिन यानी 27 दिसंबर, शुक्रवार को किया जाएगा।

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सफला एकादशी 2024 के शुभ मुहूर्त (Saphala Ekadashi 2024 Shubh Muhurat)

- सुबह 11:08 से दोपहर 12:27 तक
- दोपहर 12:06 से 12:48 तक
- दोपहर 01:46 से 03:06 तक
- शाम 05:44 से 07:25 तक

इस विधि से करें सफला एकादशी व्रत...( Saphala Ekadashi 2024 Puja Vidhi)

- 26 दिसंबर, गुरुवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और इसके बाद हाथ में जल-चावल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- संकल्प के अनुसार व्रत के नियमों का पालन करें। शुभ मुहूर्त से पहले पूजा की तैयारी कर लें और सामग्री लाकर रख लें।
- शुभ मुहूर्त में तय पूजा स्थल पर लकड़ी का एक पटिया रखकर इसके ऊपर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- कुमकुम से तिलक करें, माला पहनाएं। दीपक जलाएं। अबीर, गुलाल, रोली आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाते रहें।
- पूजा के दौरान ऊं नम: भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। इसके बाद प्रसाद चढ़ाएं। प्रसाद में तुलसी के पत्ते जरूर रखें।
- पूजा के बाद आरती करें। दिन भर व्रत के नियमों का विधि-विधान से पालन करें। एक समय फलाहार कर सकते हैं।
- अगले दिन यानी द्वादशी तिथि (27 दिसंब, शुक्रवार) को ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद स्वयं पारणा यानी भोजन करें।
- इस प्रकार विधि-विधान से सफला एकादशी का व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और हर इच्छा पूरी होती है।


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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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