
Kaha Hai Chauth Mata Ka Mandir: हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस बार ये तिथि 1 नवंबर, बुधवार को है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान श्रीगणेश और चंद्रमा की पूजा की जाती है। कुछ स्थानों पर इस दिन चौथ माता की पूजा की भी परंपरा है। चौथ माता कौन हैं, इनका मंदिर कहां है, इसके बारे में कम ही लोगों को पता है। आगे जानिए चौथ माता से जुड़ी खास बातें…
कौन हैं चौथ माता? (Koun Hai Chauth Mata)
हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं की मान्यता है, इन्हीं में से एक है चौथ माता। मान्यताओं के अनुसार, चौथ माता देवी पार्वती का ही एक रूप हैं जो विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। कहते हैं कि इनकी पूजा करने से वैवाहिक जीवन की हर परेशानी दूर हो सकती है। जिस पर भी इनकी कृपा बनी रहती है उनकी में हमेशा सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।
कहां है चौथ माता का मंदिर (Where is the temple of Chauth Mata?)
देश में एक मात्र चौथ माता का मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के बरवाड़ा शहर में है। दूर-दूर से लोग यहां दर्शन करने आते हैं। इतिहासकारों के अनुसार, चौथ माता के इस मंदिर की स्थापना साल 1451 में यहां के राजा भीम सिंह ने की थी। ये मंदिर देखने में काफी आकर्षक है, जो सफेद संगमरमर के पत्थरों से तैयार किया गया है। मंदिर तक जाने के लिए 700 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। नवरात्रि व अन्य खास मौकों पर यहां धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। माता के नाम पर कोटा में चौथ माता बाजार भी है।
ये है चौथ माता की आरती (Chouth Mata Aarti)
ओम जय श्री चौथ मैया, बोलो जय श्री चौथ मैया
सच्चे मन से सुमिरे, सब दुःख दूर भया
ओम जय श्री चौथ मैया
ऊंचे पर्वत मंदिर, शोभा अति भारी
देखत रूप मनोहर, असुरन भयकारी
ओम जय श्री चौथ मैया
महासिंगार सुहावन, ऊपर छत्र फिरे
सिंह की सवारी सोहे, कर में खड्ग धरे
ओम जय श्री चौथ मैया
बाजत नौबत द्वारे, अरु मृदंग डैरु
चौसठ जोगन नाचत, नृत्य करे भैरू
ओम जय श्री चौथ मैया
बड़े बड़े बलशाली, तेरा ध्यान धरे
ऋषि मुनि नर देवा, चरणो आन पड़े
ओम जय श्री चौथ मैया
चौथ माता की आरती, जो कोई सुहगन गावे
बढ़त सुहाग की लाली, सुख सम्पति पावे
ओम जय श्री चौथ मैया।
करवा चौथ का नाम सुनते ही क्यों डर जाती है मथुरा के इस गांव की महिलाएं?
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।