देश की राजधानी दिल्ली-एनसीआर और नोएडा में भी करवा चौथ का चांद नजर आ चुका है। महिलाओं द्वारा चंद्रमा की पूजा की जा रही है।
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Karwa Chauth 2023 Moonrise Time Updates: भारत के सभी बड़े शहरों में दिखा चांद, महिलाओं ने की पूजा, छाया करवा चौथ का उत्साह
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Karwa Chauth 2023 Moonrise Time Live Updates: करवा चौथ 2023, आज 1 नवंबर को है। भारत में दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, हरियाणा, कोटा, पटना, कोलकाता, भोपाल, इंदौर समेत शहरवार चंद्रोदय का समय और करवा चौथ पूजा शुभ मुहूर्त यहां चेक करें।
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दिल्ली-एनसीआर में दिखा चांद
देश के प्रमुख शहरों में दिखा चांद
देश के प्रमुख शहरों चंडीगढ़, शिमला, कोलकाता और पटना में करवा चौथ का चांद नजर आ चुका है।
हैदराबाद में कब होगा चंंद्रोदय
हैदराबाद में चंद्रोदय रात 8:40 बजे होगा।
चंद्रमा की पूजा के बाद क्या करें?
करवा चौथ पर जब चंद्रोदय हो जाए जो सबसे पहले चंद्रमा की पूजा करें और इसके बाद पति को तिलक लगाकर पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें।
भुवनेश्वर में दिखा करवा चौथ का चांद
ओडिसा के भुवनेश्वर में रात 08.02 पर सबसे पहले करवा चौथ का चांद नजर आया।
पूजा के बाद जरूर करें चौथ माता की आरती
ओम जय श्री चौथ मैया, बोलो जय श्री चौथ मैया
सच्चे मन से सुमिरे, सब दुःख दूर भया
ओम जय श्री चौथ मैया
ऊंचे पर्वत मंदिर, शोभा अति भारी
देखत रूप मनोहर, असुरन भयकारी
ओम जय श्री चौथ मैया
महासिंगार सुहावन, ऊपर छत्र फिरे
सिंह की सवारी सोहे, कर में खड्ग धरे
ओम जय श्री चौथ मैया
बाजत नौबत द्वारे, अरु मृदंग डैरु
चौसठ जोगन नाचत, नृत्य करे भैरू
ओम जय श्री चौथ मैया
बड़े बड़े बलशाली, तेरा ध्यान धरे
ऋषि मुनि नर देवा, चरणो आन पड़े
ओम जय श्री चौथ मैया
चौथ माता की आरती, जो कोई सुहगन गावे
बढ़त सुहाग की लाली, सुख सम्पति पावे
ओम जय श्री चौथ मैया।
पूजा के बाद करवे का क्या करें?
करवा चौथ पर महिलाएं करवे से चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और बाद में पति इसे करवे से पत्नी को पानी पिलाता है। बाद में इस करवे में धान रखकर परिवार की किसी सुहागिन बुजुर्ग महिला को देना चाहिए और उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए।
कौन हैं चौथ माता, जिनकी करवा चौथी पर होती है पूजा?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, करवा चौथ पर चौथ माता की पूजा भी जरूरी करनी चाहिए। चौथ माता देवी पार्वती का ही एक रूप है, जो सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान देती हैं। चौथ माता का मंदिर राजस्थान में है।
Karwa Chauth 2023 Moon Rise Time in Vadodara: वड़ोदरा में चंद्रोदय का समय
वडोदरा में करवा चौथ का चांद रात 08.49 पर दिखेगा
करवा दान करते समय बोलें ये मंत्र
करकं क्षीरसंपूर्णा तोयपूर्णमयापि वा। ददामि रत्नसंयुक्तं चिरंजीवतु मे पतिः॥
इति मन्त्रेण करकान्प्रदद्याद्विजसत्तमे। सुवासिनीभ्यो दद्याच्च आदद्यात्ताभ्य एववा।।
करवा चौथ पर शुभ योग
ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार करवा चौथ पर बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं। इनमें सर्वार्थसिद्धि, सुमुख, अमृत और कुलदीपक योग प्रमुख हैं। करवा चौथ पर ऐसा चतुर्महायोग पिछले 100 साल में नहीं बना।
कहां दिखेगा सबसे पहले करवा चौथ का चांद?
करवा चौथ का चांद सबसे पहले कोलकाता में नजर आने की संभावना है। इसस समय रात 07.46 रहेगा।
Karwa Chauth 2023 Moon Rise Time in Ahmedabad: अहमदाबाद में चंद्रोदय का समय
गुजरात के अहमदाबाद शहर में चंद्रोदय रात 08.50 पर होगा।
उत्तर प्रदेश के किस शहर में कब निकलेगा चांद?
बांदा : रात 08 बजकर 11 मिनट पर
आजमगढ़ : रात 07 बजकर 58 मिनट पर
भदोही: रात 08 बजकर 02 मिनट पर
बिजनौर: रात 08 बजकर 09 मिनट पर
बहराइच : रात 08 बजकर 14 मिनट पर
बलिया : रात 08 बजकर 00 मिनट पर
औरैया : रात 08 बजकर 09 मिनट पर
बाराबंकी : रात 08 बजकर 15 मिनट पर
बागपत : रात 08 बजकर 14 मिनट पर
karva chauth 2023 ki Katha: करवा चौथ पर जरूर सुनें ये कथा
धर्म ग्रंथों में करवा चौथ की कथा के अनुसार, एक गांव में एक किसान अपने 7 बेटों और 1 बेटी के साथ रहता था। बेटी की नाम वीरावती थी। विवाह के बाद वीरावती ने जब पहली बार करवा चौथ का व्रत किया तो भूख-प्यास के कारण वह बेहोश हो गई। तब उसके भाइयों ने पेड़ के पीछे से मशाल का उजाला दिखाकर उससे झूठ बोल दिया कि चांद निकल आया है। भाइयों की बात सच मानकर वीरावती ने भोजन कर लिया, जिससे उसकी पति की मृत्यु हो गई। उसी रात देवराज इंद्र की पत्नी पृथ्वी पर आई। उसने जब वीरावती की ऐसी हालत देखी तो कहा कि तुम अगली बार पुन: करवा चौथ का व्रत करना। इस व्रत के प्रभाव से वीरावती का पति पुन: जीवित हो गया।
करवा चौथ पर बादलों के कारण चांद न दिखें तो क्या करें?
अगर करवा चौथ पर आसमान में बादल होने पर चांद दिखाई न दे तो चंद्रोदय का समय जानकर उसके कुछ देर बाद उस दिशा में चंद्रमा की पूजा कर सकते हैं। इससे किसी तरह का कोई दोष नहीं लगता।
महिलाएं क्यों करवे से पानी पीकर तोड़ती हैं अपना व्रत?
करवा चौथ पर जब चंद्रमा उदय होता है तो सबसे पहले उसकी पूजा करते हैं और करवे के पानी से अर्ध्य दिया जाता है। बाद में पति के हाथों से इसी करवे का पानी पीकर महिलाएं अपना व्रत पूर्ण करती हैं। इस परंपरा के पीछे जो मनोवैज्ञानिक सोच है, वो ये है कि पति पत्नी अपने रिश्ते में पंच तत्व और परमात्मा दोनों को साक्षी बनाकर अपने दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाने की कामना करते हैं।
पूजा के लिए मिट्टी का करवा ही क्यों श्रेष्ठ?
आजकल करवा चौथ पर धातु से बने करवे का उपयोग भी किया जाने लगा है। ऐसा करने से बचना चाहिए। करवा चौथ पर मिट्टी से बने करवे का ही उपयोग करें। मिट्टी से बना करवा पंच तत्व का प्रतीक है, मिट्टी को पानी में गला कर बनाते हैं जो भूमि तत्व और जल तत्व का प्रतीक है, उसे बनाकर धूप और हवा से सुखाया जाता है जो आकाश तत्व और वायु तत्व के प्रतीक हैं फिर आग में तपाकर बनाया जाता है।
Karwa Chauth 2023 Moon Rise Time in Jaipur: जयपुर में कब निकलेगा चांद
राजस्थान की राजधानी जयपुर में करवा चौथ का चांद रात 08.19 पर दिखाई देने की संभावना है।
Karwa Chauth 2023 Moon Rise Time in Kolkata: सबसे पहले कोलकाता में दिखेगा चांद
करवा चौथ का चांद सबसे पहले कोलकाता शहर में रात 07.46 पर दिखाई देगा।