Kharmas 2023 March Date: इस बार क्यों खास रहेगा खर मास, कब से शुरू होकर कब तक रहेगा-कौन-सा राजयोग बनेगा?

Kharmas 2023: धनु और मीन गुरु के स्वामित्व की राशि है। जब सूर्य गुरु ग्रह की राशि में प्रवेश करता है तो खर मास कहलाता है। ऐसा साल में दो बार होता है। इस बार खर मास 15 मार्च से 14 अप्रैल तक रहेगा।

 

Manish Meharele | Published : Mar 13, 2023 5:09 AM IST / Updated: Mar 14 2023, 08:57 AM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में कई मान्यताएं और परंपराएं हैं। ऐसी ही कुछ मान्यताएं खर मास से भी जुड़ी हैं। इसे धर्म ग्रंथों में इसे मल मास भी कहा गया है। खर मास (Kharmas 2023) के दौरान विवाह आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते। ये पूरे 30 दिन का एक समय होता है। इस बार खर मास 15 मार्च 2023 से शुरू होकर 14 अप्रैल 2023 तक रहेगा। (Kharmas 2023 March Date) खर मास का ज्योतिषिय दृष्टिकोण से जितना महत्व है, उतना ही धार्मिक दृष्टि से भी है। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। आगे जानिए क्या है खर मास और इससे जुड़ी खास बातें…

क्या है खर मास, ये कब से कब तक रहता है? (What is Kharmas)
ज्योतिषिय दृष्टिकोण से देखें तो हर राशि का अपना स्वामी ग्रह होता है। इसी के अनुसार धनु और मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। जब भी सूर्य गुरु की इन राशियों में प्रवेश करता है तो इस समय को खर मास कहते हैं। ऐसी स्थिति साल में दो बार बनती है। 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक सूर्य धनु राशि में रहता है तो 15 मार्च से 14 अप्रैल तक मीन राशि में। इन तारीखों में आंशिक परिवर्तन हो सकता है।

इस बार क्यों खास रहेगा खर मास?
ज्योतिषियों के अनुसार, गुरु ग्रह साल में एक बार राशि बदलता है। वर्तमान में ये अपनी स्वराशि मीन में स्थित है। 15 मार्च को जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेगा तो गुरु भी इसी राशि में रहेगा। ऐसा संयोग 12 साल बाद बनेगा। इसके पहले मीन राशि में सूर्य और गुरु की युति साल 2011 में बनी थी यानी 12 साल पहले।

राजयोग भी बनेगा खर मास के दौरान
इस बार खर मास और भी खास रहेगा क्योंकि 16 मार्च को बुध ग्रह भी राशि बदलकर कुंभ से मीन में आ जाएगा, जहां पहले से ही गुरु और सूर्य रहेंगे। सूर्य और बुध की युति होने से बुधादित्य नाम का राजयोग बनेगा, वहीं गुरु और बुध की युति से भी कई शुभ फल लोगों को प्राप्त होंगे। बुध इस ग्रह में 31 मार्च तक रहेगा, इसके बाद ये मेष राशि में प्रवेश कर जाएगा।

इसे गुर्वादित्य काल भी कहते हैं
वर्तमान में सूर्य कुंभ राशि में स्थित है जो 15 मार्च को मीन राशि में प्रवेश करेगा। इस राशि में सूर्य के प्रवेश करते ही खर मास आरंभ हो जाएगा। सूर्य इस राशि में 14 अप्रैल तक रहेगा। सूर्य की राशि में गुरु हो और गुरु की राशि में सूर्य रहता हो तो उस काल को गुर्वादित्य कहा जाता है, जो कि सभी शुभ कामों के लिए वर्जित माना गया है। इसलिए इस दौरान विवाह आदि नहीं किए जाते।


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