Ramanujacharya Jayanti 2024: कौन थे संत रामानुजाचार्य, कहां स्थापित हैं इनकी 216 फीट ऊंची प्रतिमा?

Published : May 13, 2024, 09:00 AM IST
sant ramanujachrya

सार

Ramanujacharya Jayanti 2024: सनातम धर्म में अनेक महान संत हुए, जिन्होंने हिंदू धर्म के लोगों को सही राह दिखाई और मानवता के सिद्धांत दिए। ऐसे ही एक संत थे रामानुजाचार्य। हर साल वैशाख मास में इनका जयंती पर्व मनाया जाता है। 

Ramanujacharya Jayanti 2024 Kab Hai: हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को संत रामानुजाचार्य की जयंती मनाई जाती है। इस बार ये तिथि 13 मई, मंगलवार को है। संत रामानुजाचार्य सनातन के महान विद्वानों में से एक थे। इन्होंने हिंदू धर्म को नए सिद्धांत देकर इसे नई ऊचाइयां प्रदान की। इन्होंने पूरे देश में घूमकर वेदांत और वैष्णव धर्म का प्रचार-प्रसार किया। हैदराबाद के निकट श्रीराम नगर में इनकी विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। आगे जानिए कौन थे संत रामानुजाचार्य…

कौन थे संत रामानुजाचार्य?
संत रामानुजाचार्य का जन्म सन 1017 में तमिलनाड़ु में हुआ था। ये बचपन से ही धर्म के प्रति समर्पित थे। उन्होंने कांची में अलवार यमुनाचार्य से और श्रीरंगम के यतिराज संन्यासी से दीक्षा ली। उन्होंने कई संस्कृत ग्रंथों की भी रचना की। उसमें से श्रीभाष्यम् और वेदांत संग्रह उनके सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ हैं। 120 वर्ष की आयु में 1137 में उन्होंने देहत्याग किया।

गुरु के कहने पर लिए 3 संकल्प
अपने गुरु की इच्छा पर संत रामानुजाचार्य ने तीन काम करने के संकल्प लिए, ये तीन काम थे- ब्रह्मसूत्र, विष्णु सहस्रनाम और दिव्य प्रबन्धम् की टीका लिखना। उन्होंने ये तीनों काम को पूरा भी किया। संत रामानुजाचार्य काफी समय तक मैसूर के आस-पास के इलाकों में रहे। इन्होंने वैष्णव धर्म के प्रचार के लिये पूरे भारतवर्ष का भ्रमण किया। वैष्णव आचार्यों में प्रमुख रामानुजाचार्य की शिष्य परम्परा में ही रामानन्द हुए, जिनके शिष्य कबीर, रैदास और सूरदास थे।

यहां बनी है विशाल प्रतिमा
हैदराबाद के निकट श्रीराम नगर में संत रामानुजाचार्य का एक मंदिर हैं, जहां इनकी 216 फीट ऊंची प्रतिमा बनाकर स्थापित की गई है। इस प्रतिमा की लागत 400 करोड़ के लगभग है। इसका निर्माण अष्टधातु से किया गया है। इसी स्थान पर संत रामानुजाचार्य की एक अन्य प्रतिमा भी 120 किलो सोने से बनाई गई है। खास बात ये है कि इस प्रतिमा का अनावारण स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।


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