Maghi Purnima 2023: इस बार माघी पूर्णिमा का पर्व 5 फरवरी, रविवार को है। ये माघ मास का अंतिम दिन होता है। इस दिन संगम तट पर रह रहे कल्पवासी स्नान-दान कर अपना तप पूर्ण करते हैं। इस तिथि का महत्व कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है।
उज्जैन. पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा महीने (Maghi Purnima 2023) की अंतिम तिथि होती है। इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण स्वरूप में होता है। ज्योतिष शास्त्र में भी इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार 5 फरवरी, रविवार को माघ मास की पूर्णिमा तिथि का संयोग बन रहा है। इस तिथि का महत्व कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है। (Maghi Purnima 2023 Upay) उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार माघी पूर्णिमा पर पुष्य नक्षत्र, रवियोग और सर्वार्थसिद्धि नाम के शुभ योग होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। जिसके चलते इस दिन कुछ खास उपाय करने से शुभ फलों की प्राप्ति संभव है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
भगवान सत्यनारायण की कथा करवाएं
पूर्णिमा तिथि पर भगवान सत्यनारायण की कथा करवाने की विशेष महत्व है। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और आने वाले संकट टल जाते हैं। माघी पूर्णिमा का महत्व अन्य तिथियों से कहीं अधिक है, इसलिए इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा करवाने से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
भगवान विष्णु-लक्ष्मी का अभिषेक करें
पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा करें और इन दोनों का अभिषेक दक्षिणावर्ती शंख से गाय के दूध भरकर करें। अभिषेक करते समय ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय, ऊँ महालक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करते रहें। इस उपाय से आपको धन लाभ के योग बन सकते हैं और आर्थिक परेशानी दूर हो सकती है।
पितरों के लिए करें धूप-ध्यान
पूर्णिमा तिथि पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी धूप-ध्यान जरूर करना चाहिए। ऐसा न कर पाएं तो सुबह किसी नदी में स्नान करें और सूर्यदेव को जल अर्पण करें। इससे भी पितृ प्रसन्न होते हैं। संभव हो तो नदी में काले तिल भी प्रवाहित करें। पितृ कार्य में तिलों का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है।
जरूरतमंदों को दान करें
पूर्णिमा तिथि पर गरीबों को भोजन और कच्चे अनाज का दान करना चाहिए। संभव हो तो कपड़े और बर्तन का भी दान करें। इस समय शीत ऋतु का प्रभाव अधिक रहता है, इसलिए गर्म कपड़ों का दान करना इस समय शुभ माना जाता है। इतना न कर पाएं तो गाय को हरा चारा खिलाएं।
हनुमानजी की पूजा करें
पूर्णिमा तिथि हनुमानजी की पूजा के लिए भी श्रेष्ठ मानी गई है। इस दिन हनुमानजी को सिंदूर और चमेली के तेल से चोला चढ़ाएं। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाएं और वहीं बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ भी करें। इस उपाय से आपके जीवन के संकट कम होते चले जाएंगे।
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