Mangala Gauri Vrat 2023: मंगला गौरी व्रत 8 अगस्त को, अभिजीत सहित इन 5 शुभ मुहूर्तों में कर सकते हैं पूजा, जानें विधि

Mangala Gauri Vrat 2023: सावन के प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किया जाता है। इस बार सावन का अधिक मास होने से मंगला गौरी व्रत की संख्या दोगुनी हो गई है। 8 अगस्त को इस बार का छठा मंगला गौरी व्रत किया जाएगा।

 

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, कुंवारी कन्याएं अच्छे वर के लिए और विवाहित महिलाएं घर की सुख-समृद्धि के लिए मंगला गौरी व्रत करती हैं। ये व्रत सावन के प्रत्येक मंगलवार को किया जाता है। इस बार सावन का छठा मंगला गौरी व्रत 8 अगस्त, मंगलवार को किया जाएगा। इस दिन कई शुभ योग भी रहेंगे, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है। आगे जानिए इस व्रत से जुड़ी खास बातें…

कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे इस दिन? (Mangala Gauri Vrat 8 August 2023 Shubh Yog)
सावन मास का छठा मंगलवार 7 अगस्त को है, इसलिए इस दिन मंगला गौरी व्रत किया जाएगा। मंगलवार को अष्टमी तिथि पूरे दिन रहेगी, इस तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं। साथ ही इस दिन वृद्धि नाम का योग भी बनेगा। भगवान शिव की तिथि में मंगला गौरी व्रत करना काफी शुभ रहेगा।

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ये हैं पूजा के शुभ मुहूर्त (Mangala Gauri Vrat 2023 Shubh Muhurat)
- सुबह 09:18 से 10:55 तक
- सुबह 10:55 से दोपहर 12:32 तक
- दोपहर 12:06 से 12:58 तक- अभिजीत मुहूर्त
- दोपहर 12:32 से 02:09 तक
- दोपहर 03:46 से 05:23 तक

इस विधि से करें मंगला गौरी व्रत की विधि (Mangala Gauri Vrat Vidhi)
8 अगस्त, मंगलवार की सुबह स्नान करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। शुभ मुहूर्त में देवी पार्वती का चित्र स्थापित कर उसके सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। देवी को हार पहनाएं और अबीर, गुलाल, रोली, चावल आदि चीजें चढ़ाएं। इसके बाद सुहाग की सामग्री (लाल चुनरी, सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, मेहंदी) आदि भेंट करें। अंत में देवी को भोग लगाएं और आरती करें।

देवी पार्वती की आरती
जय पार्वती माता,
जय पार्वती माता
ब्रह्मा सनातन देवी,
शुभ फल की दाता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
अरिकुल कंटक नासनि,
निज सेवक त्राता,
जगजननी जगदम्बा,
हरिहर गुण गाता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
सिंह को वहान साजे,
कुंडल है साथा,
देव वधू जस गावत,
नृत्य करत ता था ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
सतयुग रूप शील अतिसुंदर,
नाम सती कहलाता,
हेमाचंल घर जन्मी,
सखियाँ संगराता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
शुम्भ निशुम्भ विदारे,
हेमाचंल स्थाता,
सहस्त्र भुजा तनु धरिके,
चक्र लियो हाथा ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
सृष्टि रूप तुही है जननी,
शिव संग रंगराता,
नन्दी भृंगी बीन लही,
सारा जग मदमाता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
देवन अरज करत हम,
चरण ध्यान लाता,
तेरी कृपा रहे तो,
मन नहीं भरमाता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
मैया जी की आरती,
भक्ति भाव से जो नर गाता,
नित्य सुखी रह करके,
सुख संपत्ति पाता ।
॥ जय पार्वती माता... ॥
जय पार्वती माता,
जय पार्वती माता,
ब्रह्मा सनातन देवी,
शुभ फल की दाता ।
जय पार्वती माता,
जय पार्वती माता
ब्रह्मा सनातन देवी,
शुभ फल की दाता ।


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