Nagar Puja In Ujjain: नवरात्रि के दौरान पूरे देश के अलग-अलग देवी मंदिरों में कईं अजब-गजब परंपराएं निभाई जाती हैं। ऐसी ही एक परंपरा मध्य प्रदेश के उज्जैन में निभाई जाती है। यहां नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर नगर पूजा की जाती है।
Navratri 2023 Ashtami Nagar Puja In Ujjain: नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मध्य प्रदेश के उज्जैन में नगर पूजा का आयोजन किया जाता है। इस परंपरा के अंतर्गत सबसे पहले महाकाल मंदिर के समीप स्थित चौबीस खंबा मंदिर में माता महालया और महामाया को शराब का भोग लगाया जाता है। 22 अक्टूबर, रविवार को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने देवी को शराब का भोग लगाकर इस परंपरा का निर्वहन किया।
क्यों की जाती है नगर पूजा?
मान्यता है कि नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर नगर पूजा करने से शहर में किसी तरह की कोई विपत्ती नहीं आती और शहर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। मान्यता है कि ये परंपरा उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही है। हर साल कलेक्टर नगर प्रतिनिधि के रूप में माता महालया और महामाया को शराब का भोग लगाते हैं।
कैसे होती है नगर पूजा?
स्थानीय परंपरा के अनुसार, सबसे पहले देवी को शराब का भोग लगाने के बाद एक मटकी में छोटा सा छेद करके उसमें शराब डाली जाती है और शहर के विभिन मंदिरों में लगभग 27 किमी की परिक्रमा की जाती है। इस दौरान कुछ मंदिरों में विशेष पकवानों का भोग भी लगाया जाता है। वहीं माता मंदिरों में श्रृंगार की सामग्री अर्पित की जाती है। ये परिक्रमा कोटवारों द्वारा की जाती है, साथ में अन्य सरकारी अधिकारी भी होते हैं।
यहां होता नगर पूजा का अंत
अष्टमी तिथि की सुबह लगभग 9 बजे शुरू हुई ये नगर पूजा दिन भर चलती रहती है। इस दौरान करीब 40 अलग-अलग मंदिरों में भोग-प्रसाद चढ़ाया जाता है। रात करीब 8 बजे अंकपात मार्ग स्थित हांडी फोड़ भैरव मंदिर पर नगर पूजा का समापन होता है। यहां शराब से भरी मटकी को फोड़ा जाता है। इसलिए इस मंदिर का नाम हांडी फोड़ भैरव है।
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