
Vishwakarma Puja 2025 Kab Hai: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। इस दिन सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है, जिसे कन्या संक्रांति भी कहा जाता है। इस मौके पर देश भर में कारखानों, ऑफिस, मशीनों और औजारों की विशेष पूजा की जाती है। आइए जानते हैं विश्वकर्मा जयंती कब है और इसकी पूजा विधि, महत्व के बारे में।
पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 17 सितंबर को दोपहर 12:21 बजे शुरू होगी। वहीं, यह तिथि 17 सितंबर को रात 11:39 बजे समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को मनाई जाएगी।
विश्वकर्मा पूजा के दिन, पूजा से पहले सभी औजारों, मशीनों और कार्यस्थल को अच्छी तरह से साफ कर लें। फिर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पूजा का संकल्प लें और भगवान का आह्वान करें। पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे अक्षत, पुष्प, चंदन, रोली, धूप, दीप, फल, मिठाई और पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल) तैयार करें। भगवान विश्वकर्मा को पुष्प, रोली, चंदन और अक्षत अर्पित करें। अपने सभी औज़ारों और मशीनों पर तिलक लगाएँ और उन पर भी पुष्प अर्पित करें। भगवान विश्वकर्मा की आरती करें। "ॐ श्री विश्वकर्मणे नमः" मंत्र का जाप करें। अंत में, पूजा के बाद प्रसाद बाँटें और स्वयं भी ग्रहण करें।
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इस पर्व का न केवल धार्मिक महत्व है, बल्कि यह समाज में श्रम और शिल्प कौशल के प्रति सम्मान को भी दर्शाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता और हर कार्य का अपना महत्व होता है। इसलिए, कारखानों से लेकर छोटी-छोटी कार्यशालाओं तक, यह पर्व हर जगह बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, उन्होंने देवताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, महल और रथों का निर्माण किया था। स्वर्ग लोक, द्वारका नगरी, इंद्र का वज्र, भगवान शिव शंकर का त्रिशूल और भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र, ये सभी भगवान विश्वकर्मा की अद्भुत रचनाएं हैं। इस दिन भक्त अपने कार्यों में सफलता और प्रगति पाने के लिए अपने औज़ारों, मशीनों और उपकरणों को पूजते हैं। यह पूजा इस बात का प्रतीक है कि हमें अपनी आजीविका के साधनों का सम्मान करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान विश्वकर्मा की पूजा करता है, उसके जीवन में धन, समृद्धि और सफलता आती है।
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