Mahashivratri Kab Hai: महाशिवरात्रि पर बनेगा 4 ग्रहों का दुर्लभ संयोग, 18 फरवरी को किया जाएगा एक और व्रत भी

Shivratri Kab Hai: हर साल फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 18 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

 

Manish Meharele | Published : Feb 15, 2023 5:50 AM IST / Updated: Feb 17 2023, 12:36 PM IST

उज्जैन. वैसे तो साल में भगवान शिव से जुड़े अनेक व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन इन सभी में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। ये पर्व फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 19 फरवरी, रविवार को है, लेकिन महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा। ऐसा क्यों किया जाएगा, इसके पीछे कई कारण हैं। आगे जानिए कब मनाए महाशिवरात्रि का पर्व 18 या 19 फरवरी को…

इसलिए 18 फरवरी को मनाया जाएगा महाशिवरात्रि का पर्व (Mahashivratri Kab Hai)
- महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात को करने का महत्व है। पंचांग के अनुसार, इस बार ये तिथि 18 फरवरी, शनिवार की रात 08:02 से 19 फरवरी, रविवार की शाम 04:18 तक रहेगा।
- देखा जाए तो चतुर्दशी तिथि 19 फरवरी को अधिक समय तक रहेगी और इस फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का सूर्योदय भी इसी दिन होगा, लेकिन इसके बाद भी महाशिवरात्रि 18 फरवरी, शनिवार को मनाई जाएगी।
- इसके पीछे कारण है कि चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी को रात भर रहेगी, ऐसी स्थिति अगले दिन नहीं बनेगी, इसलिए शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा।

महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष भी (Shani Pradosh Febuary 2023)
धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस बार 18 फरवरी, शनिवार को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 फरवरी को शाम 8 बजे तक रहेगी। इसलिए इस दिन शनि प्रदोष भी किया जाएगा। इसलिए 18 फरवरी को एक व्रत करने से महाशिवरात्रि और शनि प्रदोष दो व्रत करने का फल प्राप्त होगा।

शनि-सूर्य व शुक्र-गुरु की युति में मनेगा ये पर्व (MahaShivratri Shubh Yog)
इस बार महाशिवरात्रि पर्व पर ग्रहों की युति बन रही है। पहली युति कुंभ राशि में बन रही है, इस राशि में शनि और सूर्य एक साथ रहेंगे, वहीं मीन राशि में बृहस्पति और शुक्र एक साथ रहेंगे। शनि-सूर्य पिता-पुत्र हैं जबकि बृहस्पति देवताओं के गुरु और शुक्र दैत्यों के गुरु हैं। खास बात यह है कि धर्म ग्रंथों में इन सभी को भगवान शिव का उपासक बताया गया है। शनि, सूर्य, बृहस्पति और शुक्र ये चारों ही शिवजी के परम भक्त हैं।

महाशिवरात्रि पूजा के शुभ मुहूर्त (Mahashivratri 2023 Shubh Muhurat)
प्रथम प्रहर पूजा मुहूर्त- शाम 06:13 से रात 09:24
द्वितीय प्रहर पूजा मुहूर्त- रात 09:24 से 12:35 तक
तृतीय प्रहर पूजा मुहूर्त- रात 12:35 से तड़के 03:46 तक
चतुर्थ प्रहर पूजा समय –तड़के 03:46 से सुबह 06:56 तक
अर्धरात्रि पूजा मुहूर्त- रात 12:09 से 01:00 बजे तक


ये भी पढ़ें-

Mahashivratri 2023 Puja Vidhi: महाशिवरात्रि पर सर्वार्थसिद्धि योग में करें पूजा, जानें विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र


Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर बन रहा दुर्लभ संयोग, एक व्रत से मिलेगा दोगुना फायदा, जानें क्यों होगा ऐसा?


Mahashivratri 2023: क्या शिवजी ने रावण को दान में दी थी सोने की लंका, क्यों भूत-प्रेतों के स्वामी हैं महादेव?


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

 

Read more Articles on
Share this article
click me!