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Mahashivratri 2023: क्या शिवजी ने रावण को दान में दी थी सोने की लंका, क्यों भूत-प्रेतों के स्वामी हैं महादेव?

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि शिवजी की भक्ति का त्योहार है। ये पर्व हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन सुबह से ही शिवमंदिरों में दर्शन के लिए भक्तों की कतारें लग जाती है। 

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Manish Meharele
Published : Feb 15 2023, 08:56 AM IST| Updated : Feb 15 2023, 09:59 AM IST
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शिवजी से जुड़े मिथक...
Image Credit : freepik

शिवजी से जुड़े मिथक...

इस बार महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का पर्व 18 फरवरी, शनिवार को है। शिव पुराण के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। तभी ये पर्व मनाया जा रहा है। शिवजी से जुड़ी अनेक मान्यताएं हमारे समाज में प्रचलित हैं, जबकि उनका सच्चाई से कोई संबंध नहीं है। (Myths related to Lord Shiva) आज हम आपको भगवान शिव से जुड़े कुछ ऐसे ही मिथकों और उनसे जुड़ी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं… 
 

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शिवजी की थी सोने की लंका
Image Credit : google

शिवजी की थी सोने की लंका

मान्यता है कि सोने की लंका रावण ने भगवान शिव के कहने पर उनके लिए बनाई थी, लेकिन बाद में स्वयं के लिए मांग ली और शिवजी ने रावण को ये लंका दान में दे दी। ये मान्यता पूरी तरह से गलत है। महाभारत व अन्य ग्रंथों के अनुसार, लंका का निर्माण देवशिल्पी विश्वकर्मा ने राक्षसों के लिए ही किया था, जहां बाद में कुबेरदेव रहने लगे थे। रावण ने अपने भाई कुबेर को हराकर पुन: लंका पर कब्जा कर लिया था।
 

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शिवजी भांग-गांजे का सेवन करते हैं
Image Credit : google

शिवजी भांग-गांजे का सेवन करते हैं

शिवजी के बारे में कहा जाता है कि भांग, गांजे आदि नशीली चीजों का सेवन करते हैं। ये धारणा भी पूरी तरह से गलत हैं। कहीं किसी भी धर्म ग्रंथ में ये नहीं लिखा कि शिवजी भांग, गांजे आदि नशीली चीजों का सेवन करते हैं। भांग-धतूरा आदि चीजें शिवजी को चढ़ाई जरूर जाती हैं, लेकिन इसके पीछे मनोवैज्ञानिक पक्ष ये है कि हम अपनी बुराई भगवान को समर्पित कर रहे हैं और अब हम इन चीजों से दूर रहेंगे।
 

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वैरागी हैं शिव
Image Credit : google

वैरागी हैं शिव

शिवजी को वैरागी कहा जाता है यानी जिसे संसार और परिवार से कोई मतलब नहीं। जबकि भगवान शिव गृहस्थी के देवता हैं। उनका पूरा परिवार ही पूजनीय हैं। उनकी पत्नी देवी पार्वती स्वयं शक्ति स्वरूपा हैं। उनके पुत्र कार्तिकेय और श्रीगणेश हैं। हर शुभ कार्य से पहले श्रीगणेश की पूजा जरूर की जाती है। शिवजी इस गृहस्थी के स्वामी हैं जो परिवार में रहकर भी इससे मुक्त हैं, लेकिन वे वैरागी नहीं हैं। 
 

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भूत-प्रेत के स्वामी हैं शिवजी
Image Credit : google

भूत-प्रेत के स्वामी हैं शिवजी

शिवजी को भूत-प्रेतों का स्वामी कहा जाता है और ये सत्य भी है लेकिन भूत प्रेत क्या है, इस बात पर विचार करना भी जरूरी है। भूत-प्रेत यानी वे जीवात्माएं जिन्हें न तो मोक्ष की प्राप्ति हुई है और न ही उनका पुनर्जन्म हुआ है। ऐसी जीवात्माएं मोक्ष और पुनर्जन्म के बीच अपनी मुक्ति की इंतजार कर रही है। इन्हें ही भूत-प्रेतों की संज्ञा दी गई है। अपनी मुक्ति के लिए ही ये जीवात्माएं शिवजी की भक्ति करती हैं, इन्हें ही भूत-प्रेत कहा जाता है। 


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।
 



 

 

About the Author

MM
Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया जगत में इनके पास 19 साल से ज्यादा का अनुभव है। वर्तमान समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर धर्म-आध्यात्म बीट पर काम कर रहे हैं। करियर की शुरुआत इन्होंने स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की थी। इसके बाद वह दैनिक भास्कर प्रिंट उज्जैन में वाणिज्य डेस्क प्रभारी रहे और 2010-2019 तक दैनिक भास्कर डिजिटल में धर्म डेस्क पर काम किया। इन्हें महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। इनके पास जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक की डिग्री है।
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