Navratri 2024: 11 अक्टूबर को करें महागौरी की पूजा, जानें विधि-मंत्र सहित डिटेल

Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर देवी महागौरी की पूजा का विधान है। इस बार अष्टमी तिथि की पूजा 11 अक्टूबर, शुक्रवार को की जाएगी। ये तिथि कन्या पूजन के लिए भी श्रेष्ठ मानी जाती है।

 

Devi Mahagauri Puja Vidhi: पंचांग के अनुसार, इस बार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 32 से शुरू होगी, जो 11 अक्टूबर, शुक्रवार की दोपहर 12 बजकर 07 मिनिट तक रहेगी। चूंकि अष्टमी तथि का सूर्योदय 11 अक्टूबर को होगा, इसलिए इसी दिन अष्टमी तिथि की पूजन-व्रत किया जाएगा। इस दिन देवी महागौरी की पूजा का विधान है। मां महागौरी का रंग अत्यंत गौरा है इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है। आगे जानिए देवी महागौरी की पूजा विधि, मंत्र, शुभ मुहूर्त, कथा व आरती…

11 अक्टूबर 2024 पूजा शुभ मुहूर्त
- सुबह 10:46 से दोपहर 12:13 तक
- दोपहर 12:13 से 01:40 तक
- दोपहर 01:40 से 03:07 तक
- शाम 04:01 से 07:34 तक

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इस विधि से करें देवी महागौरी की पूजा (Devi Mahagauri Puja Vidhi)
- 11 अक्टूबर, शुक्रवार को शुभ मुहूर्त में देवी महागौरी की तस्वीर साफ स्थान पर स्थापित करें।
- देवी के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं, कुमकुम का तिलक लगाएं, फूलों की माला पहनाएं।
- इसके बाद अन्य चीजें जैसे अबीर, गुलाल, हल्दी, मेहंदी, चावल आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाते रहें।
- देवी को नारियल या उससे बनी मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद नीचे लिखा मंत्र बोलें और आरती करें-
श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥

देवी महागौरी की आरती (Devi Mahagauri Aarti)
जय महागौरी जगत की माया। जया उमा भवानी जय महामाया॥
हरिद्वार कनखल के पासा। महागौरी तेरी वहां निवासा॥
चंद्रकली ओर ममता अंबे। जय शक्ति जय जय माँ जगंदबे॥
भीमा देवी विमला माता। कौशिकी देवी जग विख्यता॥
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा। महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
सती सत हवन कुंड में था जलाया। उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया। तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
तभी माँ ने महागौरी नाम पाया। शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता। माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो। महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥


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इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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