Bhadrapada 2024: क्यों खास है भाद्रपद मास, इस महीने में क्या करें-क्या नहीं?

Bhadrapada 2024: हिंदू पंचांग में एक साल में 12 महीने होते हैं। इन सभी का महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इनमें से छठे महीने का नाम भाद्रपद है। इस महीने के देवता चंद्रमा है। इस महीने से जुड़े कईं नियम धर्म ग्रंथों में बताए गए हैं।

 

Bhadrapada 2024 Niyam: जिस तरह अंग्रेजी कैलेंडर में एक साल में 12 महीने होते हैं, उसी तरह हिंदू पंचांग में भी एक साल में 12 महीनों का विधान है। इन 12 महीनों में से छठे महीने का नाम है भाद्रपद। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस महीने के देवता चंद्रमा हैं। इस बार भाद्रपद मास 20 अगस्त, सोमवार से शुरू हो चुका है, जो 18 सितंबर, बुधवार तक रहेगा। आगे जानें क्यों खास है ये महीना और इस महीने में क्या करें-क्या नहीं…

भाद्रपद महीने का महत्व
धार्मिक दृष्टिकोण से भाद्रपद मास बहुत खास है। इस महीने में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हरियाली तीज गणेश चतुर्थी, जलझूलनी एकादशी और अनंत चतुर्दशी जैसे खास व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। ये महीना चातुर्मास के अंतर्गत आता है, इसलिए भी इस महीने में कईं नियमों का पालन करना जरूरी माना जाता है।

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भाद्रपद मास में क्या करें?
1. भाद्रपद मास में पंचगव्य पीने का विशेष महत्व है। पंचगव्य गाय के दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर को एक निश्चित मात्रा में मिलाकर बनाया जाता है।
2. भाद्रपद मास में एक समय भोजन करने का नियम है।
3. इस महीने में बिना मांगा भोजन करना चाहिए। यानी जो गृहस्थ संत हैं वो लोग इस महीने में किसी से भिक्षा नहीं ले सकते।
4. तामसिक भोजन यानी लहसुन, प्याज और मांसाहार नहीं करना चाहिए और नशे से बचना चाहिए।

भाद्रपद मास में क्या न करें?
1. धर्म ग्रंथों के अनुसार, खाने-पीने का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो सेहत बिगड़ सकती है।
2. इस महीने में पलंग पर नहीं होना चाहिए, जमीन पर ही चटाई बिछाकर सोना चाहिए। इस महीने में गुड़ और शहद नहीं खाना चाहिए।
3. इस महीने में तेल मालिश नहीं करना चाहिए। तला-गला खाने से बचना चाहिए।
4. पत्तेदार सब्जियां, मूली एवं बैंगन न खाएं और दही-चावल खाने से बचें।


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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 


 

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