Chaitra Navratri 2024: यहां रहते हैं ‘राक्षसों के वंशज’ नहीं करते देवताओं की पूजा, नवरात्रि में मनाते हैं शोक

Chaitra Navratri 2024: हमारे देश में एक जगह ऐसी भी है, जहां रहने वाले लोग खुद को राक्षसों की संतान मानते हैं। इस वजह से वे देवताओं की पूजा भी नहीं करते और नवरात्रि में शोक यानी दुख मनाते हैं।

 

Manish Meharele | Published : Apr 16, 2024 4:30 AM IST

Interesting facts about Asur tribe of Assam: भारत विविधताओं का देश है, यहां हर कदम पर आपको एक अलग मान्यता और परंपरा देखने को मिलेगी, जो आपको आश्चर्य चकित कर देगी। ऐसी ही एक अजीब मान्यता असम के एक जिले में रहने वाले लोगों से जुड़ी है। ये लोग खुद को राक्षस महिषासुर की संतान मानते हैं, इसलिए वे देवताओं की पूजा नहीं करते। महिषासुर का वध देवी दुर्गा ने किया था, इसलिए ये लोग नवरात्रि पर्व नहीं मनाते और शोक प्रकट करते हैं। आगे जानिए इस मान्यता से जुड़ी खास बातें,,,

कहां रहते हैं महिषासुर के वंशज?
असम के अलीपुरदुआर जिले के माझेरबाड़ी चाय बागान इलाके में रहने वाले लोग खुद को असुर जनजाति का बताते हैं। उनकी मान्यता है कि वे राक्षस महिषासुर के वंशज हैं, जिसका वध देवी दुर्गा ने किया था। खास बात ये है कि इन जनजाति के अधिकांश लोगों को सरनेम भी असुर ही है यानी ये अपने नाम के पीछे असुर लिखते हैं, यही इनका पहचान बन चुका है।

ये लोग नहीं मनाते नवरात्रि उत्सव
असुर जनजाति के लोगों का मानना है कि नवरात्रि के दौरान ही देवी दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था। इसी वजह से ये नवरात्रि में शोक मनाते हैं। नवरात्रि के दौरान न तो ये नए कपड़े पहनते हैं और न ही किसी तरह का कोई उत्सव मनाते हैं। झारखंड-बिहार में भी इस जनजाति के काफी लोग रहते हैं। ऐसा कहते हैं कि राजा महिषासुर के वध के बाद इनकी पूर्वजों ने देवताओं की पूजा बंद कर दी। ये परंपरा आज भी जारी है।

गलत तरीके से किया प्रचारित
असुर जनजाति के लोगों का कहना है कि राजा महिषासुर के काल में महिलाओं का काफी सम्मान था। उनके क्षेत्र में महिलाओं का शोषण नहीं होता है। देवता उनके पराक्रम को देखकर डरते थे। इसलिए सभी देवताओं में मिलकर उनका वध करवा दिया और गलत तरीके से प्रचारित किया कि वे गलत काम करते थे।


ये भी पढ़ें-

Ram Navmi 2024: राम नवमी पर करें राशि अनुसार उपाय, मिलेगी सुख-समृद्धि


Ram Navami 2023: राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करने से हर मुश्किल हो जाती है दूर, राम नवमी पर इस विधि से करें


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Read more Articles on
Share this article
click me!