Chaitra Navratri Parana 2025 Date: कब करें चैत्र नवरात्रि 2025 का पारणा? जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त, मंत्र और विधि

सार

Chaitra Navratri Parana 2025 Date: हिंदू धर्म में हर व्रत का पारणा करने की परंपरा है। बिना पारणा किए किसी भी व्रत का पूरा फल नहीं मिलता। चैत्र नवरात्रि भी इन व्रतों में से एक है। जानें चैत्र नवरात्रि 2025 का पारणा कब करें?

 

Chaitra Navratri Parana 2025 Date: इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 30 मार्च से 6 अप्रैल तक मनाया गया। इन 8 दिनों में रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की गई। नवरात्रि के दौरान अनेक भक्तों ने व्रत-उपवास भी किए। हिंदू मान्यता के अनुसार, जब तक पारणा न किया जाए तब तक व्रत-उपवास का पूरा फल नहीं मिलता। सभी के मन में ये प्रश्न है कि इस बार चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण कब करें, साथ ही इसकी विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में भी लोग जानना चाहते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी से जानिए चैत्र नवरात्रि व्रत पारणा से जुड़ी पूरी डिटेल…

कब करें चैत्र नवरात्रि 2025 पारणा?

ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, नवरात्रि व्रत का पारणा दशमी तिथि पर किया जाता है। 6 अप्रैल, रविवार को नवमी तिथि शाम को 07 बजकर 30 मिनिट तक रहेगी। इसके बाद दशमी तिथि शुरू होगी। चूंकि व्रत का पारणा सूर्योदय तिथि देखकर किया जाता है, इसलिए चैत्र नवरात्रि 2025 व्रत का पारणा 7 अप्रैल, सोमवार को किया जाएगा।

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चैत्र नवरात्रि 2025 पारण मुहूर्त 2025

7 अप्रैल, सोमवार की सुबह चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण सूर्योदय के बाद कर सकते हैं। इसके लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06:04 से 06:25 तक है। इस समय पुष्य नक्षत्र भी रहेगा, इसलिए शुभ मुहूर्त में किया गया पारणा बहुत ही लाभ देने वाला रहेगा।

कैसे करें चैत्र नवरात्रि व्रत का पारणा?

- 6 अप्रैल, रविवार को व्रत रखें। एक समय सात्विक भोजन कर सकते हैं। रात को सोए नहीं। माता के भजन करते रहें। अन्य महिलाओं को भी भजन के लिए आमंत्रित करें।
- 7 अप्रैल, सोमवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद शुभ मुहूर्त में पहले देवी मां की पूजा करें। तरह-तरह के पकवानों का भोग लगाएं। चुनरी, चूड़ी आदि चीजें अर्पित करें।
- इसके बाद रुद्राक्ष की माला से नीचे लिखे मंत्र का जाप करें। कम से कम 5 माला जाप करें-
या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थितः
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरुपेण संस्थितः
- संभव हो तो सुबह ब्राह्मणों को भोजन के लिए आमंत्रित करें। अगर सुबह ब्राह्मण न आ पाएं तो भोजन की कच्ची सामग्री जैसे-आटा, दाल, चावल आदि चीजों का दान करें।
- इसके बाद माता के भोग में से थोड़ा सा प्रसाद खाएं और सात्विक भोजन करें। इस तरह चैत्र नवरात्रि का पारणा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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