Chaturmas 2023: कब से शुरू होगा चातुर्मास, इन 4 महीनों में क्या खाने से बिगड़ सकती है आपकी सेहत?

Chaturmas 2023: हिंदू धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व है। इस बार चातुर्मास 4 महीने का न होकर 5 महीने का रहेगा, ऐसा सावन का अधिक मास होने के कारण होगा। धर्म ग्रंथों में चातुर्मास से जुड़े अनेक नियम बताए गए हैं।

 

Manish Meharele | Published : Jun 19, 2023 7:59 AM IST
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ये हैं चातुर्मास के नियम...

हिंदू धर्म में अनेक मान्यताएं हैं। ऐसी ही एक मान्यता ये भी है आषाढ़ शुक्ल एकादशी पर भगवान विष्णु सृष्टि का भार भगवान शिव को सौंपकर पाताल लोक में विश्राम करने चले जाते हैं, इसके बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी से पुन: सृष्टि का संचालन करना शुरू कर देते हैं। (kab se kab tak rahega chaturmaas) इन 4 महीनों को चातुर्मास कहते हैं। चातुर्मास से जुड़े कई नियम धर्म ग्रंथों में बताए गए हैं। आगे जानिए कब से कब तक रहेगा चातुर्मास और इस दौरान कौन-से काम नहीं करना चाहिए…

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जानें कब से कब तक रहेगा चातुर्मास (Chaturmas 2023 Date)

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार चातुर्मास 29 जून, गुरुवार से शुरू होगा, जो 23 नवंबर, गुरुवार तक रहेगा। चातुर्मास में सावन, भादौ, आश्विन और कार्तिक मास आते हैं। (Chaturmaas mai kya na kare) इस बार सावन का अधिक मास होने से ये 5 महीने का रहेगा। ऐसा संयोग बहुत कम बनता है जो चातुर्मास 4 नहीं 5 महीना का होता है। धर्म ग्रंथों में चातुर्मास से जुड़े कईं नियमों के बारे में बताया गया है।

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दिन में सिर्फ एक बार करें भोजन

धर्म ग्रंथों में बताए गए नियमों के अनुसार, चातुर्मास में सिर्फ एक ही समय भोजन करना चाहिए। इसके पीछे कारण है कि वर्षाकाल में हमारी भोजन पचाने की शक्ति कम हो जाती है और अधिक भोजन हमारे लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए चातुर्मास में दिन में सिर्फ 1 ही समय भोजन करने का नियम बनाया गया है।

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हरी सब्जियां खाने से बचें

चातुर्मास के दौरान हरी सब्जियां खाने से बचना चाहिए, ये नियम भी धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इसके पीछे की वजह भी वैज्ञानिक है, उसके अनुसार, चातुर्मास में बारिश होने से काफी अधिक नमी हो जाती है, जिसके कारण हरी सब्जियों पर बहुत तेजी से बैक्टीरियां और वायरस पनपने लगते हैं। यही सब्जियां हम खाएंगे तो सेहत खराब हो सकती है।

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दूध-दही से भी बनाएं दूरी

चातुर्मास में दूध-दही से भी दूरी बनाकर रखें यानी इनका सेवन भी न करें। कारण ये है कि जो घास दुधारु पशु इस दौरान खाते हैं, उनमें कई बैक्टीरिया और वायरस होते हैं। इसका प्रभाव उनके दूध में भी होता है। जब इसी दूध-दही का सेवन हम करते हैं तो इसका असर हमारी सेहत पर भी हो सकता है।

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तामसिक भोजन से भी बचें

धर्म ग्रंथों में चातुर्मास को तप और संयम का समय बताया गया है। इस दौरान तामसिक चीजें जैसे मांस, लहसुन, प्याज और अदरक आदि चीजें भी नहीं खानी चाहिए। इससे भी शरीर में रोग उत्पन्न होने की आशंका बनी रहती है। साथ ही इन चार महीनों में नशीली चीजों जैसे शराब, सिगरटे और तंबाकू आदि भी दूर रहना चाहिए।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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