Dasha Mata Vrat 2023: 6 बातें, जो दशा माता व्रत करने वाली हर महिला को ध्यान रखनी चाहिए

Dasha Mata Vrat 2023: इस बार दशा माता व्रत 17 मार्च, शुक्रवार को किया जाएगा। मान्यता के अनुसार, ये व्रत करे से घर-परिवार की दशा सुधरती है और बुरा समय दूर होता है। दशा माता मूल रूप से देवी पार्वती का ही स्वरूप है।

 

Manish Meharele | Published : Mar 16, 2023 9:47 AM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में देवी पार्वती के अनेक रूपों की पूजा समय-समय पर की जाती है। दशा माता भी इनमें से एक है। (Dasha Mata Vrat 2023) दशा माता की पूजा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को किया जाता है। इस बार ये तिथि 17 मार्च, शुक्रवार को है। इस व्रत का महत्व कर्म धर्म ग्रंथों में बताया गया है। मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से बुरा समय टल जाता है और अच्छा समय शुरू हो जाता है। इस व्रत के दौरान कई नियमों का पालन किया जाता है। आगे जानिए इन नियमों के बारे में…

ये हैं दशा माता व्रत के नियम (Dasha Mata Vrat rules)

1. एक बार जो दशा माता व्रत करना शुरू करता है, उसे जीवन पर्यंत इस व्रत को करना पड़ता है। यानी बीच में इसे व्रत को छोड़ नहीं कर सकते, ऐसा करना अशुभ माना जाता है। अगर बहुत जरूरी हो तो उद्यापन करने के बाद इसे छोड़ सकते हैं।

2. दशा माता व्रत में घर की साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। यदि घर में कोई अनावश्यक वस्तु हो तो उसे घर से बाहर निकाल दें और उचित साफ-सफाई भी करें।

3. दशा माता व्रत कुल परंपरा के अनुसार करना चाहिए। यानी जिस परंपरा के अनुसार, परिवार की महिलाएं ये व्रत करती आई हैं, उसी के अनुसार, ये व्रत नवविवाहिताओं को करना उचित रहता है।

4. इस व्रत में भोजन से संबंधित भी अनेक नियमों का पालन किया जाता है। जैसे कहीं सिर्फ पूजा की जाती है तो कहीं एक समय भोजन किया जता है। इस व्रत में बिना नमक का भोजन जरूर करना चाहिए।

5. दशामाता का व्रत महिलाओं को पवित्र भाव से करना चाहिए। यानी इस दिन किसी भी तरह का कोई बुरा विचार मन में नहीं लाना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का पूरा फल नहीं मिलता।

6. दशा माता व्रत के दौरान पूजा का धागा गले में पहना जाता है। इसे कभी भी इधर-उधर नहीं रखना चाहिए। अगर ये टूट जाए तो इसे किसी नदी में श्रद्धापूर्वक प्रवाहित कर देना चाहिए।



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