Devuthani Ekadashi 2024: कौन हैं भगवान शालिग्राम, कहां से मिलती है इनकी प्रतिमा?

Published : Nov 12, 2024, 08:42 AM IST
devuthni ekadashi 2024

सार

Devuthani Ekadashi 2024: हर साल देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह किया जाता है। ये परंपरा हजारों साल पुरानी है। अनेक धर्म ग्रंथों में इसका वर्णन भी मिलता है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि तुलसी का विवाह शालिग्राम शिला से ही क्यों करवाया जाता है। 

इस बार देवउठनी एकादशी का पर्व 12 नवंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन तुलसी विवाह की परंपरा है। इस परंपरा के अंतर्गत तुलसी के पौधे का विवाह शालिग्राम शिला से करवाया जाता है। इस परंपरा से जुड़ी एक कथा भी धर्म ग्रंथों में मिलती है। बहुत कम लोग जानते हैं कि भगवान शालिग्राम किसके रूप हैं और ये विशेष रूप से कहां मिलते हैं। आगे जानिए भगवान शालिग्राम से जुड़ी खास बातें…

किस देवता के रूप हैं भगवान शालिग्राम?

धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्राचीन समय में शंखचूड़ नाम का एक पराक्रमी राक्षस था। उसकी पत्नी का नाम वृंदा था। वृंदा के सतीत्व के कारण शंखचूड़ का वध करना देवताओं के वश में भी नहीं था। जब शंखचूड़ और भगवान शिव में युद्ध हुआ तो वृंदा के सतीत्व के कारण शंखचूड़ का वध करना संभव नहीं था। तब भगवान विष्णु शंखचूड़ के रूप में वृंदा के पास गए और उसका सतीत्व भंग कर दिया। तब वृंदा ने भगवान विष्णु को पत्थर बनने का श्राप दिया। भगवान विष्णु ने उस श्राप को स्वीकार किया और कहा कि ‘कलयुग में तुम तुलसी का पौधा बनोगी और लोग तुम्हारे साथ मेरा विवाह कर धर्म लाभ लेंगे।’ इसलिए हर साल देवउठनी एकादशी पर शालिग्राम शिला के साथ तुलसी के पौधे का विवाह करवाया जाता है।

कहां मिलती है शालिग्राम शिला?

शालिग्राम शिला मूल रूप से नेपाल की गंडकी नदी में मिलती है। इस पर कीड़ों द्वारा काटने से चक्र, गदा, आदि का चिह्न भी बन जाता है। इसे ही असली शालिग्राम शिला कहते हैं। इस शिला को ही भगवान विषणु का साक्षात स्वरूप माना जाता है। तुलसी के साथ इसकी पूजा करवाते हैं। कुछ लोग तो घरों में इनकी स्थापना कर रोज इनकी पूजा भी करते हैं।

घर में रखने से क्या लाभ होता है?

1. धर्म ग्रंथों के अनुसार, जिस घर में रोज शालिग्राम शिला की पूजा की जाती है, वहां कोई निगेटिव शक्ति नहीं रहती।
2. घर में यदि कोई वास्तु दोष है तो भगवान शालिग्राम की स्थापना घर में करने से वह भी दूर हो जाता है।
3. यदि आपके मन में कोई इच्छा है तो प्रतिदिन सुबह-शाम भगवान शालिग्राम की पूजा करें, जल्दी ही आपकी इच्छा पूरी हो सकती है।
4. मान्यता है कि जिस घर में भगवान शालिग्राम का वास होता है, वहां देवी लक्ष्मी भी स्वयं चली आती हैं, यानी वहां सुख-समृद्धि बनी रहती है।
5. पितृ दोष, ग्रह दोष, कालसर्प दोष आदि भी भगवान शालिग्राम की पूजा से दूर हो जाते हैं।


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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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