दिवाली पर अयोध्या लौटे भगवान श्रीराम तो इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा क्यों?

Published : Oct 30, 2024, 10:09 AM ISTUpdated : Oct 31, 2024, 08:39 AM IST
diwali 2024 manyta

सार

Diwali 2024 Manyta: इस बार दिवाली 31 अक्टूबर, गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिवाली क्यों मनाते हैं, इसके पीछे भी कईं मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। 

Diwali 2024: धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली मनाई जाती है। इस बार ये पर्व 31 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। दिवाली क्यों मनाई जाती है, इसे लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं जो इस पर्व को और भी खास बनाती हैं। आमतौर पर दिवाली को भगवान श्रीराम से जोड़कर देखा जाता है तो इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा क्यों करते हैं, ये बात बहुत कम लोगों को पता है। आगे जानिए क्या है इसका कारण?

क्या है भगवान श्रीराम का दिवाली से कनेक्शन?

मान्यता है कि त्रेतायुग में भगवान विष्णु ने अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र राम के रूप में अवतार लिया। श्रीराम की पत्नी का हरण राक्षसों के राजा रावण ने कर लिया। रावण की कैद से अपनी पत्नी सीता को मुक्त करवाने के लिए श्रीराम वानरों की सेना लेकर लंका गए और वहां रावण का वध कर अपनी पत्नी को उसकी कैद से मुक्त करवाया। रावण का वध करने के बाद भगवान श्रीराम जब अयोध्या लौटे तो लोगों ने उनके आगमन की खुशी में अपने-अपने घरों में दीपक जलाए। उस दिन कार्तिक अमावस्या तिथि थी, तभी से इस तिथि पर दीपावली पर्व मनाया जा रहा है।

तो क्यों करते हैं लक्ष्मी पूजा?

यहां प्रश्न ये उठता है कि जब दीपावली पर भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे तो इस दिन उनकी पूजा न करते हुए देवी लक्ष्मी की पूजा क्यों की जाती है। इसके पीछे दूसरी कथा है जो इस प्रकार है- ‘त्रेतायुग से भी पहले असुरों और देवताओं ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। समुद्र मंथन से अनेक रत्न एक-एक करके निकले। इन रत्नों में कामधेनु गाय, ऐरावत हाथी, उच्चैश्रवा घोड़ा, अप्सराएं आदि शामिल थी। समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक अमावस्या तिथि पर देवी लक्ष्मी भी प्रकट हुई। इसलिए हर साल इस तिथि पर देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है।

ये है निष्कर्ष

कार्तिक अमावस्या पर देवी लक्ष्मी की पूजा त्रेतायुग से भी पहले से की जा रही है। कालांतर में श्रीराम के अयोध्या लौटने पर दीपक जलाने की परंपरा भी इस पर्व से जुड़ गई। इस तरह दिवाली मूल रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा का पर्व है।


ये भी पढ़ें-

Diwali 2024 Muhurat: दुकान-ऑफिस और घर में कब करें लक्ष्मी पूजा? जानें मुहूर्त


राशि अनुसार ये उपाय बना सकते हैं आपको मालामाल, दिवाली 2024 पर करें


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

PREV

Recommended Stories

Hanuman Ashtami 2025: हनुमानजी कैसे हुए अमर, क्या है इनके भाइयों के नाम? जानें 5 फैक्ट
Rukmini Ashtami 2025: कैसे करें देवी रुक्मिणी की पूजा? जानें मंत्र, मुहूर्त सहित हर बात