Easter Sunday 2023: कौन थे प्रभु यीशु, क्यों मनाते हैं ईस्टर संडे, सूली पर चढ़ाए जाने के कितने दिन बाद हुए थे पुनर्जीवित?

Easter Sunday 2023: प्रभु यीशु के संपूर्ण जीवन का वर्णन बाइबिल में मिलता है। बाइबिल में ही यीशु के बलिदान और उनके पुनर्जीवित होने की कथा भी है। इसी के अनुसार, क्रिश्चियन कम्युनिटी में कई फेस्टिवल भी मनाए जाते हैं।

 

उज्जैन. ईस्टर (Easter Sunday 2023) ईसाई समुदाय का एक प्रमुख त्योहार है। ये फेस्टिवल प्रभु यीशु के दोबारा जीवित होने की खुशी में मनाया जाता है। इस बार ये त्योहार 9 अप्रैल को मनाया जाएगा। दुनिया के सभी देशों में जहां ईसाई समुदाय के लोग रहते हैं, वहां ये त्योहार बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस त्योहार से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं इसे और भी खास बनाती हैं। आगे जानिए ईस्टर से जुड़ी खास बातें…

कौन थे प्रभु यीशु? (Who was Lord Jesus?)
ईसाई मान्यताओं के अनुसार प्रभु यीशु भगवान के पुत्र थे। वे हमेशा लोगों को आपस में प्रेम करने और एक-दूसरे की सहायता करने के लिए प्रेरित करते थे। प्रभु यीशु का जन्म बेतलेहम (जोर्डन) में हुआ था। इनकी माता कुँवारी मरियम और पिता का नाम युसुफ था। यहूदी विद्वान यूहन्ना यीशु के गुरु थे। 30 वर्ष की आयु तक यीशु ने अपने पिता के साथ काम किया और इसके बाद उनका आध्यात्मिक जीवन शुरू हुआ।

Latest Videos

क्यों मनाया जाता है ईस्टर? (Why is Easter celebrated?)
ईसाई मान्यताओं के अनुसार जब यीशु का वर्चस्व बढ़ने लगा और लोग उन्हें ईश्वर का पुत्र मानने लगे तो कुछ लोग उनके विरोधी हो गए और उनके विरुद्ध ईश निंदा का आरोप लगाकर उन्हें सूली पर चढ़ाने की सजा सुनाई गई। सूली पर चढ़ाने के 3 दिन बाद यीशु चमत्कारी रूप से पुनर्जीवित हो गए। उस दिन रविवार था। तभी से ईस्टर संडे का पर्व मनाया जा रहा है।

कैसे सेलिब्रेट करते हैं ईस्टर? (How do you celebrate Easter?)
ईस्टर संडे पर चर्चों को विशेष रूप से सजाया जाता है और मोमबत्तियां जलाकर विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं। ईस्टर संडे को खजूर इतवार भी कहा जाता है। इस दिन बड़ी संख्या में लोग चर्च में इकट्ठा होते हैं और प्रार्थना में भाग लेते हैं। ईस्टर पर सजी हुई मोमबत्तियां अपने घरों में जलाना तथा मित्रों में इन्हें बांटना एक प्रचलित परंपरा है।

किसने देखा था यीशु को दोबारा जीवित होने के बाद?
ईसाई मान्यताओं के अनुसार, प्रभु यीशु के दोबारा जीवित होने को सबसे पहले मरियम मगदलीनी नामक महिला ने देखा था फिर अन्य महिलाओं को इसके बारे में बताया था। इसलिए सबसे पहले यह पर्व सुबह सवेरे महिलाओं के द्वारा आरंभ होता है। इस दिन अंडों से सजावट विशेष रूप से की जाती है क्योंकि अंडे को बहुत ही शुभ माना जाता है।



ये भी पढ़ें-

Vikat Sankashti Chaturthi 2023: विकट संकष्टी चतुर्थी 9 अप्रैल को, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त, कब होगा चंद्रोदय?


Akshaya Tritiya 2023 Date: अक्षय तृतीया को लेकर ज्योतिषियों में मतभेद, जानें कब मनाया जाएगा ये पर्व?


Palmistry: हथेली की ये रेखा भी होती है बहुत खास, जिंदगी और मौत के बारे में देती हैं खास संकेत


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

जेल से बाहर क्यों है Adani? Rahul Gandhi ने सवाल का दे दिया जवाब #Shorts
'मणिपुर को तबाह करने में मोदी साझेदार' कांग्रेस ने पूछा क्यों फूल रहे पीएम और अमित शाह के हाथ-पांव?
Rescue Video: आफत में फंसे भालू के लिए देवदूत बने जवान, दिल को छू जाएगा यह वीडियो
Sanjay Singh: 'डूब गए देश के लोगों के लगभग साढ़े 5 लाख करोड़ रुपए' #Shorts
UP bypoll Election 2024: 3 सीटें जहां BJP के अपनों ने बढ़ाई टेंशन, होने जा रहा बड़ा नुकसान!