Hanuman Jayanti 2023: इस बार हनुमान जयंती का पर्व 6 अप्रैल, गुरुवार को है। मान्यता के अनुसार, इसी तिथि पर शिवजी ने पवनपुत्र हनुमान के रूप में जन्म लिया था। इस दिन हनुमानजी के पूजा का विशेष फल मिलता है।
हनुमानजी कलयुग में सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता हैं। इस बार हनुमान जयंती का पर्व 6 अप्रैल, गुरुवार को है। शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने पर अलग-अलग फलों की प्राप्ति होती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार हनुमानजी के 5 रूप सबसे अधिक प्रचलित है। इन सभी रूपों का अलग-अलग महत्व है। जानिए हनुमानजी के इन 5 रूपों और इनकी पूजा से मिलने वाले शुभ फलों के बारे में...
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ध्यानमग्न हनुमान
जिस चित्र में हनुमानजी ध्यान की स्थिति में होते हैं, उसे ध्यानमग्न रूप कहते हैं। हनुमानजी के इस रूप की पूजा करने से एकाग्रता बढ़ती है और मानसिक तनाव दूर होता है। इस रूप के दर्शन करने और इसके सामने बैठकर ध्यान या योग करने से बुद्धि तेज होती है।
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वीर हनुमान
जिस चित्र में हनुमानजी उग्र दिखाई देते हैं, उसे वीर रूप कहा जाता है। हनुमानजी का ये रूप अत्यंत पराक्रमी है। इस रूप में हनुमानजी ने कई राक्षसों का वध किया था। हनुमानजी के इस रूप की पूजा करने से साहस, बल, पराक्रम की प्राप्ति होती है। ये सबसे अधिक पूजा जाने वाला रूप है।
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दास हनुमान
जिस चित्र में हनुमानजी श्रीराम की सेवा में करते हुए दिखाई देते हैं, वह उनका दास स्वरूप होता है। हनुमानजी के इस रूप की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही रिश्तों के प्रति सेवा और समर्पण की भावना जागृत होती है। हनुमानजी का ये रूप हर सुख देने वाला है।
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पंचमुखी हनुमान
जिस चित्र में हनुमानजी के पांच मुख होते हैं, उसे हनुमानजी का पंचमुखी रूप कहा जाता है। इस रूप की पूजा तंत्र सिद्धि के लिए विशेष रूप से की जाती है। किसी विशेष काम में सफलता पाने के लिए भी इस रूप की पूजा फलदाई मानी गई है। हनुमानजी का रूप बहुत कम देखने को मिलता है।
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शिष्य हनुमान
सूर्य देव हनुमानजी के गुरु हैं। जिस चित्र में हनुमानजी सूर्य की उपासना करते दिखाई देते हैं, वो उनका शिष्य रूप होता है। स्टूडेंट्स को हनुमानजी के इस रूप की पूजा करनी चाहिए। इससे इनका मन पढ़ाई में केंद्रित होगा और वे हर तरह की परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार होते हैं।
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