
उज्जैन. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज (Hariyali Teej 2023) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 19 अगस्त, शनिवार को है। इस व्रत से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हैं, जो इसे और भी खास बनाती है। ऐसी ही एक खास परंपरा ये है कि हरियाली तीज पर महिलाएं हरे रंग की ड्रेस खासतौर पर पहनती हैं। जानिए क्या है इस परंपरा के पीछे का कारण…
बुध ग्रह से जुड़ा है इस रंग का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में रंगों का भी महत्व बताया गया है। हर ग्रह किसी न किसी खास रंग का प्रितिनिधित्व करता है। हरे रंग का प्रतिनिध ग्रह बुध है। ये ग्रह बुद्धि और वाणी का कारक है यानी जिसकी कुंडली में ये ग्रह शुभ स्थिति में होता है, वाणी और बुद्धि के मामलों में काफी तेज रहता है। बुध ग्रह से शुभ फल पाने के लिए हरे रंग के कपड़े पहने जाते हैं। इससे लव लाइफ भी ठीक रहती है। यही कारण है कि हरियाली तीज पर महिलाएं हरे रंग के कपड़े खासतौर पर पहनती है।
पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ाता है ये रंग
धर्म ग्रंथों के अनुसार, हरा रंग भगवान शिव को भी अति प्रिय है। भगवान शिव को बिल्व पत्र, भांग, धतूरा आदि चढ़ाई जानी वाली चीजों का रंग भी हरा ही है। सिर्फ इतना ही नहीं इस दिन की जाने वाली पूजा में देवी पार्वती की हरे रंग की चूड़ियां भी खासतौर पर अर्पित की जाती है। ये रंग सुहाग का प्रतीक भी माना जाता है। मान्यता है कि हरियाली तीज पर हरा रंग पहनने से वैवाहिक सुख में वृद्धि होती है।
एक कारण ये भी
हरा रंग हरियाली और सुख-समृद्धि का प्रतीक है। सावन में चारों ओर हरियाली दिखाई देती है। इस समय पेड़-पौधे पर भी नई पत्तियां आ चुकी होती हैं। ऐसा लगता है कि प्रकृति हरे रंग में खुद को समेट कर लोगों को इसका महत्व समझा रही है। यही वो समय होता है जब लोग प्रकृति को अपने आस-पास महसूस कर सकते हैं। हरा रंग ही प्रकृति के सृजन का प्रतीक भी है।
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